कुरूक्षेत्र विवि के रत्नावली महोत्सव ने हरियाणवी संस्कृति को दिलाई पहचान
चंडीगढ़, 28 अक्टूबर : हरियाणा के राज्यपाल एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा की संस्कृति काे अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के रत्नावली महोत्सव का अहम् योगदान रहा है।
इस रत्नावली महोत्सव से युवाओं को प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत से आत्मसात करने का एक अवसर मिलता है और अच्छी शिक्षा और संस्कार भी मिलते हैं। श्री दत्तात्रेय शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के आडिटोरियम हॉल में युवा सांस्कृतिक एवं कार्यक्रम विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव में बोल रहे थे।
इससे पहले राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा, मशहूर अभिनेता सतीश कौशिक, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया की उपस्थिति में हरियाणवी लोककला प्रदर्शनी का उद्घाटन कर अवलोकन किया और सभागार में दीपशिखा प्रज्ज्वलित कर चार दिवसीय रत्नावली महोत्सव का शुभारंभ किया। इस लोक कला प्रदर्शनी में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पगडी पहनाकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पोस्टर और जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा तैयार किए गए रत्नावली बुुलेटिन का विमोचन किया।
राज्यपाल ने रत्नावली महोत्सव के शानदार आयोजन पर कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा और प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए कलाकारों को बधाई देते हुए कहा कि आठ विधाओं और 300 कलाकारों से शुरू होने वाले रत्नावली महोत्सव ने एक बड़ा स्वरूप ले लिया है। यह महोत्सव पूरे विश्व में पूरे हरियाणवी संस्कृति का परचम फहरा रहा है। इस महाकुंभ में अब 32 विधाओं में 3000 से ज्यादा कलाकार अपनी भागेदारी सुनिश्चित कर रहे हैं। इस महोत्सव में युवा पीढ़ी के उत्साह को देखकर एक सुखद अहसास भी होता है कि आज युवा पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति से दूर हटकर हरियाणवी संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं। इतना ही नहीं इस महोत्सव के माध्यम से युवा पीढ़ी हरियाणवी संस्कृति को सहेजने का काम भी कर रही है।
उन्होंने हरियाणवी लोककला प्रर्दशनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि ग्रामीण आंचल में लोककला को प्रदर्शित करने वाली यह प्रर्दशनी युवा पीढ़ी को अहसास करवा रही है कि हरियाणवी संस्कृति दुनिया में सबसे अव्वल है और आज प्राचीन संस्कृति और संस्कारों को अपनाने की जरूरत है। यह महोत्सव नैतिक मूल्यों का भी अहसास युवा पीढ़ी को करवा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा ने आर्थिक विकास, कानून व्यवस्था और सुशासन के मामले में नई मिशाल कायम की है। प्रदेश कृषि, शिक्षा, सुरक्षा, सेवा, स्वास्थ्य, सुशासन, खेल, आटो उत्पादन के क्षेत्र में प्रथम स्थान पर है। सभी विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को पूरी तरह लागू करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं लोक संस्कृति, शिक्षा, खेल सहित अन्य सभी क्षेत्रों में बहुत आगे निकल चुकी हैं। इस प्रदेश की बेटियां हर क्षेत्र में एक मुकाम हासिल कर चुकी हैं।
बाॅलीवुड के फिल्म अभिनेता एवं निदेशक सतीश कौशिक ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रयासों से बनाई गई नई फिल्म पालिसी की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस पाॅलिसी के जरिए फिल्में बनाने पर सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इससे हरियाणवी सिनेमा जगत को एक नया मुकाम मिलेगा। इस रत्नावली महोत्सव के मंच पर बेहतरीन सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देखकर मन गदगद हो गया।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने मेहमानों और प्रदेश के कोने-कोने से आए कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पिछले कई वर्षाे से रत्नावली महोत्सव का आयोजन कर रहा है। प्रदेशभर से युवा कलाकार इस सांस्कृतिक महाकुंभ में भाग ले रहे हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का यह सांस्कृतिक उत्सव हरियाणा प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को यहां मंचित करने में सफल होगा।