साध-संगत ने ही बनाया व भंग किया राजनीतिक विंग
सिरसा 25 मार्च : हरियाणा के सिरसा में डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत ने शनिवार को शाह सतनाम जी धाम में पावन एमएसजी गुरुमंत्र भंडारा पर्व हर्षाेल्लास से मनाया। इस अवसर पर डेरा प्रमुख ने स्पष्ट किया कि साध-संगत ने ही राजनीतिक विंग बनाया था और अब साध-संगत ने ही उसे भंग कर दिया है।
इस भंडारे में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों से बड़ी तादाद में साध-संगत ने शिरकत की। पावन भंडारे पर सुनारिया जेल से गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां द्वारा भेजी गई 14वीं चिट्ठी साध-संगत को पढ़कर सुनाई गई। चिट्ठी में हरियाणा और राजस्थान में चलाए गए सफाई महा अभियानों रूपी महायज्ञ में आहुति डालने वाली साध-संगत की भरपूर प्रशंसा और आशीर्वाद दिया गया। वहीं चिट्ठी के माध्यम से बताया कि डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह साईंशाह मस्ताना जी महाराज और पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज ने भी मार्च महीने में ही गुरुमंत्र की दात प्राप्त की थी। इसलिए आगे से 25 मार्च के भंडारे को एमएसजी गुरुमंत्र भंडारे के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान डेरा प्रमुख ने स्पष्ट किया कि साध-संगत ने ही
राजनीतिक विंग बनाया था और अब साध-संगत ने ही उसे भंग कर दिया है। डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे मानवता भलाई कार्यों के तहत 50 जरूरतमंदों को एक-एक माह का राशन और सेफ मुहिम के तहत नशा छोडऩे वाले युवाओं को 50 हेल्दी डाइट किटें दी गई। वहीं आशियाना मुहिम के तहत शाहपुर बेगू की साध-संगत द्वारा एक जरूरतमंद विधवा महिला को बनाकर दिए गए मकान की चाबी उन्हें सौंपी।
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ने फरमाया कि संत सच्चा कौन सा होता है? संतों का काम क्या होता है? संत किसलिए दुनिया में आते हैं? संतों का मकसद क्या होता है इस समाज में आने का, इस धरती पर आने का? संत-जिसके सच का कोई अन्त ना हो, सन्त-जो सच से जुड़ा हो, संत, जो सदा सबके भले की चर्चा करे, सन्त-जो सबकुछ त्याग कर सिफज़् और सिर्फ ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, राम की औलाद का भला करे, सन्त-जो सच्ची बात कहे, चाहे कड़वी लगे या मीठी लगे, सन्त-जो सच से जोड़ दे और सच क्या है, ये भी सन्त बताए, कि भाई ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, राम, गॉड, खुदा, रब्ब सच था और सच ही रहेगा। उसको छोड़कर चन्द्रमा, सूरज, नक्षत्र, ग्रह, पृथ्वी जितना भी कुछ नजर आता है, जो कुछ भी आप देखते हैं सबने बदल जाना है और जो बदल जाता है, उसे सच नहीं कहा जा सकता। सच तो वो ही है जिसे एक बार सच कह दो तो हमेशा सच ही रहता है। तो सन्तों का काम सच से जोडऩा होता है। सन्त हमेशा सबका भला मांगते हैं। ह्यह्यसन्त ना छोड़े संतमयी, चाहे लाखों मिलें सन्तों का काम सन्तमत पर चलना होता है, सबको बताना कि ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, राम, वो ओउम वो दाता आपके अन्दर है, उसको देखना चाहते हो तो आप भला करो, मालिक के नाम का जाप करो तो आपके अन्दर से ही वो नजर आ जाएगा।
इस अवसर पर हरियाणा और राजस्थान में साध-संगत द्वारा चलाए गए सफाई महा अभियानों से जुड़ी डॉक्यूमेंट्री भी चलाई गई। जिसमें दिखाया गया कि डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत ने हरियाणा को मात्र साढ़े पाँच घंटों में और हरियाणा से आठ गुणा बड़े राजस्थान को मात्र कुछ घंटों में चकाचक चमका दिया था।