हिमाचल में सुक्खू मंत्रिमंडल का विस्तार, सात विधायकों ने ली मंत्रीपद की शपथ
शिमला, आठ जनवरी: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के मंत्रिमंडल का लगभग एक माह की कशमकश के बाद रविवार को विस्तार हुआ जिसमें सात और मंत्रियों को शामिल किया गया है।
यहां राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में नये मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण कराई। इनमें सबसे पहले सोलन से विधायक धनीराम शांडिल(82) तथा इसके बाद कांगड़ा जिले के ज्वाली से विधायक चंद्र कुमार, सिरमौर जिले के शिल्लाई से विधायक हर्षवर्द्धन चौहान, किन्नौर से विधायक जगत सिंह नेगी, शिमला जिले के कुसुम्पटी से विधायक रोहित ठाकुर, जुब्बल कोटखाई से विधायक अनिरुद्ध सिंह और शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली।
विक्रमादित्य राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह के बेटे हैं। श्री हर्षवर्धन चौहान और जगत सिंह नेगी ने अंग्रेजी में और शेष पांच मंत्रियों ने हिंदी में शपथ ग्रहण की।
मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधने के अलावा युवा चेहरों को तरजीह दी गई। श्री शांडिल और श्री चंद्र कुमार को छोड़ शेष पांच चेहरे युवा हैं तथा पहली बार मंत्री बने हैं। श्री शांडिल और चंद्र कुमार पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सरकार में भी मंत्री रहे चुके हैं। नये मंत्रियों में श्री शांडिल सबसे उम्र दराज जबकि श्री विक्रमादित्य सिंह(33) सबसे कम उम्र के मंत्री बनें हैं। मंत्रियों, मुख्य संसदीय सचिवों और संसदीय सचिव को विभागों का बंटवारा जल्द होने के सम्भावना है।
इससे पहले गत 11 दिसम्बर को नई सरकार के गठन के समय हमीरपुर जिले की नादौन विधानसभा सीट से चार बार के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य के 15वें मुख्यमंत्री तथा ऊना जिले की हरोली सीट से पांच बार के विधायक मुकेश अग्निहोत्री ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी। दोनों के हालांकि जिले अलग अलग लेकिन संसदीय क्षेत्र हमीरपुर ही है। राज्य मंत्रिमंडल का आकार मुख्यमंत्री समेत 12 से अधिक नहीं हो सकता है। इस तरह राज्य में मंत्रियों के तीन पद अभी भी खाली रहेंगे। मंत्रिमंडल विस्तार में शिमला को तीन मंत्री मिल चुके हैं जबकि सबसे अधिक 15 विधानसभा सीटों वाले कांगड़ा जिले को एक ही मंत्री मिला है।
इससे पहले श्री सुक्खू ने छह विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव और संसदीय सचिव पद की शपथ दिलाई। इनमें सर्वश्री सुंदर सिंह ठाकुर, रामकुमार चौधरी, मोहन लाल ब्राक्टा, किशोरीलाल, संजय अवस्थी और आशीष बुटैल को मुख्य संसदीय सचिव तथा रामकुमार को संसदीय सचिव बनाया गया है। राज्य में मंत्रिमंडल के आकार की सीमा तय होने पर दिवंगत मुख्यमंत्री वीरभद्र की सरकार में मुख्य संसदीय सचिव बनाने की प्रथा शुरू हुई थी।
राज्य की 68 सदस्यीय विधानसभा के चुनावों के गत आठ दिसम्बर को घोषित किये गये परिणामों में कांग्रेस 40 सीटें जीत कर बड़े बहुमत वाली पार्टी रही थी। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) को 25 सीटें मिली थीं। तीन निर्दलीय भी चुनाव जीते थे जो भाजपा के ही बागी थे।