पंजाब को प्रशासनिक पक्षाघात से बचाने का आग्रह
चंडीगढ़, 24 जनवरी : पंजाब के पूर्व सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुनील जाखड़ ने राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को लिखे पत्र में पंजाब में आई प्रशासनिक शिथिलता में हस्तक्षेप करके इसे पक्षाघात से बचाने का आग्रह किया है।
श्री लाल को लिखे अपने पत्र में श्री जाखड़ ने मंगलवार को कहा कि वह प्रदेश में आप सरकार द्वारा स्थापित पूरे प्रशासनिक ढांचे को कमजोर करने की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। ईमानदार होने की धारणा के माध्यम से अपनी विफलताओं पर पर्दा डालने या भ्रष्टाचारियों को किसी भी तरह से संरक्षण देने का मामला भले ही नहीं है लेकिन प्रत्येक अधिकारी को कलंकित करने का अति उत्साही अभियान कार्यालयों की चिंताजनक भावना को तेजी से बढ़ा रही है। अपनी समस्याओं के निवारण के लिए एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय जाने के लिए भटक रही आम जनता को यह स्थिति सीधे तौर पर प्रभावित कर रही है।
उन्होंने लिखा कि राज्यपाल इस बात से सहमत होंगे कि आईएएस और पीसीएस दोनों अधिकारियों का अपनी ही राज्य सरकार के खिलाफ शाब्दिक रूप से अलोचना करना साधारण घटना नहीं है और ऐसा नहीं होना चाहिए था। प्रशासन में निर्बाधता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दोनों पक्षों पर है और सरकार इस लोकाचार की प्राथमिक सुरक्षा के लिये नैतिक तौर पर जिम्मेवार है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध खनन के खिलाफ जानबूझकर की गई निष्क्रियता के मामले में उनके समयबद्ध और प्रभावी हस्तक्षेप को भुलाना संभव नहीं है। उन्होंने स्थिति को समझने और इस गंभीर मुद्दे पर वर्तमान सरकार की अक्षमता को रेखांकित करने के लिए सीमावर्ती जिलों का दौरा भी किया था।
श्री जाखड़ ने लिखा कि राज्य सरकार के अपने ही अधिकारियों के प्रति अक्खड़ और नासमझ रवैये के चलते प्रशासन के आधारभूत स्तंभों के क्षरण के मामले में संकोच नहीं बरता। हमारा संविधान लोक सेवा के पूर्व निर्धारित मानदंडों से किसी भी तरह के विचलन की अनुमति नहीं देता। इसलिये किसी भी राज्य सरकार को जनहित की कीमत पर अपने निहित एजेंडे से विचलित होने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। मैं आपसे इन पोषित मूल्यों के धारक के रूप में इस सरकार को सही मार्ग पर चलने के लिए मजबूर करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि लोगों द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों की अक्षमता और नासमझी के कारण जनता का विश्वास और कल्याण न कुचला जाए।