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कर्नाटक में कन्नड़ भाषा का इस्तेमाल करना अनिवार्य

बेंगलुरू, 14 सितंबर : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार एक ऐसा कानून बनाने जा रही है जिसमें राज्य में सभी सरकारी कार्यक्रमों में कन्नड़ भाषा का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा।

श्री बोम्मई ने कहा, “जमीन, पानी और भाषा के मामलों में हम राजनीतिक विचारों से ऊपर उठकर निर्णय ले रहे हैं। इस पृष्ठभूमि में, मैं कहना चाहूंगा कि कन्नड़ सभी भाषाओं में सर्वश्रेष्ठ है और हम इसमें और ज्यादा सुधार कर रहे हैं।”

विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एच डी कुमारस्वामी द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा “कन्नड़ भाषा का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा हो इसके लिए हम एक कानून ला रहे हैं। इसी सत्र में पहली बार कन्नड़ भाषा को अनिवार्य बनाने के लिए एक कानून लाया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को चिंतित नहीं होना चाहिए, यह कानून कन्नड़ भाषा और कन्नड़ भाषी लोगों की रक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, सरकार अन्य भाषा बोलने वाले लोगों को बातचीत में कन्नड़ भाषा का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने के लिए दबाव डालेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इंजीनियरिंग कॉलेजों को भी कन्नड़ भाषा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत पहली बार प्रोफेशनल कॉलेज के छात्रों ने कन्नड़ भाषा में इंजीनियरिंग के पहले सेमेस्टर की परीक्षा दी है। इसलिए हमने इंजीनियरिंग कॉलेजों में कन्नड़ भाषा के उपयोग को प्रोत्साहित किया है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।”
विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए श्री कुमारस्वामी ने कहा कि उन्होंने श्री बोम्मई को पत्र लिखकर करदाताओं के पैसे से ‘हिंदी दिवस’ नहीं मनाने का आग्रह किया है।

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