डिजिटल हो रहा उत्तराखंड, 30 लाख से अधिक बन चुकी हैं हेल्थ आईडी
देहरादून 24 मार्च : सूचना क्रांति के दौर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्तराखंड राज्य भी तेजी से डिजिटल होता जा रहा है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत यहां 30.61 लाख से अधिक लोग अभी तक अपनी आभा आईडी बनाकर मिशन का हिस्सा बन चुके हैं।
आईडी बनाने वाले लोगों का स्वास्थ्य संबंधी संपूर्ण ब्योरा ऑनलाइन दर्ज हो चुका है। प्रदेश की राजधानी देहरादून में सबसे अधिक 6,61,919 आभा आईडी बनी हैं।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के राज्य मिशन निदेशक अरूणेंद्र चौहान के अनुसार, प्रदेश में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की वर्ष 2021 में शुरूआत हुई थी। मिशन की ओर से किए गए प्रयासों से प्रदेश के लोगों का हेल्थ रिकार्ड डिजिटाइज करने की रफ्तार अपेक्षाओं के अनुरूप है। लोग बढ़ चढ़ कर इस डिजिटल मिशन का हिस्सा बन रहे हैं। प्रदेश में अभी तक 30.61 लाख से अधिक लोग आभा आईडी बना चुके हैं। यानी उनका मेडिकल रिकार्ड डिजिटाइज किया जा चुका है। जो अपने आप में एक संतोषजनक आंकड़ा है।
श्री चौहान के मुताबिक, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन प्रधानमंत्री जी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जिसके अंतर्गत जितने भी हमारे नागरिक हैं सबका हेल्थ रिकार्ड डिजिटाइज किया जा रहा है। उसमें उसकी स्वास्थ्य परीक्षण व उपचार का पूरा ब्यौरा होगा। वह किसी भी अस्पताल में उपचार के लिए जाए तो उसका रिकार्ड ऑनलाइन उपलब्ध होगा। हर व्यक्ति की आभा आईडी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मिशन निदेशक ने आभा नंबर के फायदे गिनाते हुए बताया कि स्वास्थ्य संबंधी सभी डिटेल ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी। अस्पताल के पंजीकरण से लेकर उपचार तक पेपर लेस होगा। अस्पताल में क्यूआर कोड के जरिए टोकन लेने की सुविधा होगी।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन एक क्रांतिकारी कदम है। आभा नंबर के माध्यम से स्वास्थ्य की सारी डिटेल मिल सकेगी। प्रदेश में शत प्रतिशत लोगों को मिशन से जोड़ने के काम को प्राथमिकता से करने के लिए संबंधित अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए हैं। आम जन को भी इसके लिए आगे आना चाहिए।