featureबड़ी ख़बरेंविश्व

क्वेटा हत्याकांड मामले में इमरान को आत्मसमर्पण का निर्देश: सुप्रीम कोर्ट

इस्लामाबाद 21 जुलाई : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को क्वेटा में एक अधिवक्ता अब्दुल रज्जाक शार की हत्या पर जारी प्राथमिकी और गिरफ्तारी वारंट को रद्द कराने से पहले व्यक्तिगत रूप से न्यायालय के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने याचिकाकर्ता को सोमवार (24 जुलाई) को शीर्ष अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए कहा है। अन्यथा याचिकाकर्ता की ओर से मांगी जा रही राहत को बढ़ाया नहीं जाएगा।
गत चार जुलाई को शीर्ष अदालत ने श्री खान के वकील को एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए सीजेपी से संपर्क करने का सुझाव दिया था। इससे पहले दो-न्यायाधीशों की पीठ ने पहले मामले की सुनवाई की थी। दोनों न्यायाधीशों के पास अधिवक्ता की हत्या के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए बलूचिस्तान उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिका की नामंजूर करने के आदेश को पलटने की शक्ति नहीं थी।
पूर्व प्रधानमंत्री खान के अधिवक्ता सरदार अब्दुल लतीफ खोसा ने दो पन्नों की अर्जी दायर कर इस बात पर जोर देते हुए गुजारिश की कि अदालत इस मामले की तत्काल सुनवाई करे। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता को ‘अधिकारियों की ओर से जबरदस्ती कार्रवाई की आशंका है।’
न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी, न्यायमूर्ति सैय्यद मजहर अली अकबर नकवी और न्यायमूर्ति मुसरत हिलाली की तीन न्यायाधीशों वाली पीठ ने गुरुवार को मामले की सुनवाई की और श्री खोसा से कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) अध्यक्ष को कोई भी अंतरिम राहत मांगने से पहले अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा।
अधिवक्ता खोसा ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल ने क्वेटा के अधिवक्ता की हत्या की जांच के लिए एक संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के गठन को खारिज कर दिया था, लेकिन अदालत ने बताया कि सुनवाई जैसे मामलों में याचिकाकर्ता को किसी भी राहत के लिए व्यक्तिगत रूप अदालत के समक्ष पेश होना पड़ता है।
अधिवक्ता खोसा ने दलील दी कि पीड़ित वकील के सौतेले बेटे ने श्री खान के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। अपनी याचिका में पूर्व प्रधानमंत्री ने क्वेटा में 15 जून के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील करने और मामले को रद्द करने की अनुमति मांगी थी।

Related Articles

Back to top button