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भारत में गरीब सपने देख सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है: मुर्मू

नयी दिल्ली, 25 जुलाई : नव-निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि उनका राष्ट्रपति बनना देश के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है और इस बात का भी प्रमाण भी है कि भारत में गरीब सपने देख सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है।

श्रीमती मुर्मू ने संसद के केन्द्रीय कक्ष में देश के पन्द्रहवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद अपने पहले संबोधन में कहा कि यह देश के लोकतंत्र की शक्ति है कि गरीब घर और आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई पुत्री सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंची है।

उन्होंने कहा, “ ये हमारे लोकतंत्र की ही शक्ति है कि उसमें एक गरीब घर में पैदा हुई बेटी, दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी, भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकती है। राष्ट्रपति के पद तक पहुँचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, यह भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है।”

देश की सबसे युवा राष्ट्रपति ने कहा कि सदियों से वंचित और विकास के लाभ से दूर रहे गरीब, दलित, पिछड़े तथा आदिवासी उनमें अपना प्रतिबिंब देख रहे हैं। उन्होंने कहा, “ मेरे इस निर्वाचन में देश के गरीब का आशीर्वाद शामिल है, देश की करोड़ों महिलाओं और बेटियों के सपनों और सामर्थ्य की झलक है। जगत कल्याण की भावना के साथ, मैं आप सबके विश्वास पर खरा उतरने के लिए पूरी निष्ठा और लगन से काम करने के लिए सदैव तत्पर रहूंगी।”

उन्होंने कहा कि वह समस्त देशवासियों विशेषकर युवाओं तथा महिलाओं को यह विश्वास दिलाती हूं कि उनके हित उनके लिए सर्वोपरि होंगे। उन्होंने कहा, “ मेरे लिए भारत के लोकतांत्रिक-सांस्कृतिक आदर्श और सभी देशवासी हमेशा मेरी ऊर्जा के स्रोत रहेंगे। ”

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