मध्य प्रदेश

नर्मदा उफान पर: इंदिरा सागर और ओम्कारेश्वर बांध के गेट खोले

खंडवा, 17 अगस्त : मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में इस समय बारिश ज़रूर थमी हुई है, लेकिन बरगी, तवा और हंडिया बांध से लगातार पानी छोड़े जाने से नर्मदा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। यहां इन्दिरा सागर बांध और ओम्कारेश्वर बांध से भी इसके गेट खोलकर बड़ी जलराशि निकाली जा रही है।

इसके चलते बांध के डाउन स्ट्रीम में बाढ़ जैसे ख़तरे के हालात बन गए हैं। एेहतियात के बतौर खंडवा-इन्दौर मार्ग पर नर्मदा पर बने मोरटक्का पुल से आवागमन पूरी तरह रोक दिया गया है। इधर, प्रशासन ने लोगों से घाटों और नदियों से दूर रहने की हिदायत दी है।
खंडवा जिले में नर्मदा पर बने दो बड़े बांध इंदिरा सागर और ओम्कारेश्वर बांध है, जहां पानी की आवक लगातार बढ़ने से सभी की चिंता बढ़ गयी है। इंदिरा सागर बांध में अधिकतम जलभराव क्षमता 262.50 मीटर है, जबकि जलाशय का अभी जलस्तर 261.13 मीटर हो चुका है। यहां 12 गेट को साढ़े चार मीटर खोलकर 16548 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि यहां पॉवर हॉउस से 1840 क्यूमेक्स पानी का बहाव हो रहा है। इस तरह कुल 18388 क्यूमेक्स पानी इंदिरा सागर बांध से छोड़ा जा रहा है। वहीं ओम्कारेश्वर बांध के 23 गेट से 18500 क्यूमेक्स पानी का डिस्चार्ज हो रहा है। इससे नर्मदा का जल स्तर ख़तरे के निशान के करीब पहुंच गया है।

मोरटक्का पुल पर नर्मदा 164.45 मीटर के स्तर पर पहुंच गयी है। इससे एेहतियात के तौर पर इस पुल पर यातायात फ़िलहाल रोक दिया गया है। खण्डवा से इन्दौर का सम्पर्क टूट सा गया है।

जिला कलेक्टर अनूप कुमार सिंह ने बताया कि अभी वर्तमान में ओम्कारेश्वर बांध से साढ़े सोलह हज़ार क्यूमेक्स पानी डिस्चार्ज़ हो रहा है। मोरटक्का पुल का लेवल 164.5 है। एेहतियातन सुरक्षा की दृष्टि से मोरटक्का पुल से ट्रेफिक रोका गया है। एक्वाडक्ट से लाइट व्हीकल्स को निकाला जा रहा है। अभी ओमकारेश्वर से ढाई हज़ार क्यूमेक्स पानी और डिसचार्ज होगा। इस प्रकार कुल साढ़े अठारह हजार पानी डिस्चार्ज होगा। अभी पता चला है कि बरगी बांध के कुछ और गेट खोले गए हैं। इससे हम इनफ्लो पर नज़र रखे हुए है। आगे के जिलों से हम लगातार संपर्क में है। उन्हें तीन-चार घंटे पूर्व सूचना दे देते है कि नदी का स्तर कितना बढ़ता है।

कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि अभी कल से यह ऑब्ज़र्वेशन रहा है कि करीब तीन हज़ार क्यूमेक्स पानी छोड़ते हैं, तो तीन फीट के करीब स्तर बढ़ता है। इसलिए सभी से अपील है कि घाटों से दूर रहे और किसी भी परिस्थिति में नदी के आसपास न जाएं।

खंडवा-इंदौर की बीच नर्मदा पर बना मोरटक्का पुल ही दोनों को जोड़े रखता है। इस पर आवगमन रोक दिए जाने से खण्डवा-इन्दौर के बीच का सीधा सम्पर्क टूट गया है, जिसका सीधा असर यहां के व्यापार-व्यवसाय पर पड़ रहा है। इधर छोटे वाहनों को अत्यावश्यक स्थिति में एक विकल्प के तौर पर निकाला जा रहा है, जबकि भारी वाहनों को खरगोन के मार्ग से डायवर्ट किया गया है।

इधर, नर्मदा के उफान पर आने से बैकवॉटर और सहायक नदियों का जलस्तर भी बढ़ा है। अनेक पुल-पुलियाें पर से पानी का प्रवाह बना हुआ है, जिससे दुर्घटना की आशंका भी बनी हुई है। पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने लोगो से पुल-पुलियाें पर पानी भरा होने की स्थिति में उन्हें पार न करने की हिदायत दी है।

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