तकनीकी खामी से सरस घी में मिली पानी की मात्रा
चित्तौड़गढ़ डेयरी के आधिकारिक सूत्रो ने बताया कि दो दिन पूर्व सोशल मीडिया पर यहां से निर्मित सरस घी में पानी मिला होने की बात वायरल होने पर डेयरी प्रबंधन ने बुधवार को सम्बंधित ग्राहक से उक्त घी मंगवाया और अपनी लैब में उसकी जाँच की जिसमें घी में आंशिक रूप से पानी मिला होना पाया गया वहीँ इसी लोट के बचे घी को अपने पार्लर से मंगवाया जिसमे पानी की मात्रा नहीं मिली।
अधिकारीयों ने बताया कि घी बनाने के लिए मक्खन को ठंडा करते समय तापमान की खामी के चलते नमी आ गई होगी जिससे पानी घी में मिल गया लेकिन घी की शुद्धता सौ फ़ीसदी है जिसे खाने से स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक असर नहीं है। वहीं अधिकारी अपनी खामी छुपाने व डेयरी की साख बछाने के लिए यह भी कह रहे है कि ग्राहक का जाँच के लिए लाया गया घी खुला था जिससे संशय है कि पानी की मात्रा संयत्र से घुली या खुला रहने और सर्दी का मौसम होने से नमी आई ? यह अलग बात है कि उक्त ग्राहक ने सरस के शहर में गोल प्याऊ स्थित आउटलेट से यह घी दीपावली से पूर्व खरीदा था जिसे एक सप्ताह बाद उपयोग के लिए खोला तब गर्म करने पर पानी मिला होने की बात सामने आई थी।
इस बीच इस लोट क्रमांक 208 का हजारो किलो घी बिक चूका था और लोगो ने उपयोग में भी ले लिया था। डेयरी प्रबन्धन इस मामले में ग्राहक को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज़ करवाने की धमकी देकर भी मामले को दबाने के प्रयास में लगा था लेकिन मामला सार्वजानिक होने के चलते जाँच करनी पड़ी।