दीपावली से पहले सरिस्का के नए राजकुमार ‘ ने खुले जंगल में संभाली अपनी सत्ता
अलवर 20 अक्टूबर : दीपावली से पहले अलवर जिले के सरिस्का के नए राजकुमार बाघ एसटी 29 को गुरुवार से अभयारण्य में छोड दिया गया।
रणथंभौर से 16 अक्टूबर को बाघ टी 113 को सरिस्का शिफ्ट किया गया था। यहां 3 दिन एंक्लोजर में रखने के बाद आज अलसुबह 4:25 पर इस बाघ को खुले जंगल में छोड़ दिया गया। इस बाघ को यहां एसटी 29 नंबर मिला है । बाघ को रिलीज करते वक्त सरिस्का के फील्ड डायरेक्टर रूप नारायण मीणा एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे। रूप नारायण मीणा के प्रयासों से ही पानीढाल सघन वन क्षेत्र के तौर पर विकसित हो सका है।
एसटी 29 को सरिस्का के सबसे घने वन क्षेत्र पानीढाल में रिलीज किया गया। बाघ एसटी 29 को सरिस्का के सबसे घने वन क्षेत्र पानीढाल में रिलीज किया गया है। इस क्षेत्र में तीन बाघिनों का विचरण है। उम्मीद की जा रही है कि एसटी 29 जल्द ही किसी बाघिन के साथ जोड़ा बनाएगा, जिससे न केवल सरिस्का में बाघों की संख्या में वृद्धि होगी वरन वन और वन्य जीव संरक्षण और बेहतर हो पाएगा।
जैन रामसिंह
वार्ता
इधर, सरिस्का में टाइगर की संख्या 25 हो गई है। जानकारी के अनुसार रणथंभौर से अब तक कुल 10 बाघ सरिस्का भेजे जा चुके हैं। इसमें मादा बाघिन टी 1, टी 18, टी 44, बीना 1, बीना 2 और नर बाघ टी 12, टी 10, टी 75, टी 113 के अलावा टी 7 भी भरतपुर से पकड़कर सरिस्का भेजे जा चुके हैं। टी 7 रणथंभौर अभयारण्य में रेंजर दौलत सिंह पर हमला करने के बाद इस जंगल को छोड़कर भरतपुर के जंगलों में चला गया था। वहां से इसे पकड़कर इसे सरिस्का भेजा गया था।