भालू के आबादी क्षेत्र में घूसने से वन विभाग कर्मचारियों को छुटा पसीना
अलवर 05 मई : राजस्थान में अलवर जिले के सरिस्का बाघ परियोजना में अप्रैल माह में माउंट आबू से लाया गया भालू को जंगल रास नहीं आ रहा और वह आबादी में घुसने लगा है।
गुरुवार रात को सात बजे बाद सरिस्का बाघ परियोजना का भालू नारायणपुर पीर बाबा के पास नालों में आ पहुंचा। जो दिन में ठेकला की ढाणी के पास मढ़ा वाली ढाणी में उमराव लाल गुर्जर के मकान में बनी बुखारी में घुस गया और दिन भर वहीं बैठा रहा। तालवृक्ष रेंज के वनकर्मी एवं घाटा चौकी के कर्मचारी दिन भर उसकी निगरानी में बैठे रहे लेकिन मकान की बुखारी से बाहर नहीं निकला। सायं करीब आठ बजे उमराव गुर्जर के मकान की बुखारी से बाहर निकला और वह नारायणपुर की और मुवमेंट करने लगा। लेकिन भालू का नारायणपुर कस्बे की ओर मुवमेंट को देख वन कर्मचारियों के पसीने छुट गए।
तालवृक्ष क्षेत्रीय वन अधिकारी दलीप कुमार अपनी टीम को लेकर दिन भर तैनात रहे मौके पर तथा भालू का नारायणपुर की ओर रुख को बदलने का टीम प्रयास किया। वनकर्मीयो ने भालू का मूवमेंट बदलने की बहुत प्रयास किया लेकिन मूवमेंट नहीं बदला। रात को नारायणपुर से चतरपुरा,नीमूचाना गांव में चला गया। उसके बाद भालू बिलाली गांव में पहुंच गया।
दूसरा भालू काली पहाड़ी इलाके में चला गया है और वह पहाड़ पर जाने की बात कही जा रही है जिससे उसके सिग्नल टूटने लगे हैं। यह भालू कारोली भैरु डूंगरी के नाला में पहुंचा और सुबह नौ बजे तक वहां आराम करना बताया गया।