राजस्थान

मिश्र ने कई नवाचार कर अपने तीन वर्ष के कार्यकाल को बनाया यादगार

जयपुर 11 सितंबर : राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने देश के इतिहास में पहली बार राजस्थान विधानसभा में राज्यपाल अभिभाष्ण से पूर्व संविधान उद्देशिका, मूल कर्तव्यों के वाचन एवं संविधान संस्कृति के प्रसार और युवा पीढ़ी को संविधान से प्रत्यक्ष जोड़ने के लिए प्रदेश के विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क बनवाने की पहल, जनजातीय क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के प्रयास, कला संवाद, कोविड में मदद की पहल, विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और वैश्विक स्तर पर उनके विकास के प्रयासों के साथ कई नवाचार करके अपने तीन साल के कार्यकाल को यादगार बना दिया है।

श्री मिश्र ने नौ सितंबर 2019 को राजस्थान के राज्यपाल के पद की शपथ लेने के बाद कहा था कि उन्हें कोई भी महामहिम नहीं कहेगा बल्कि माननीय कहकर संबोधित किया जा सकता है। इसके बाद उनके तीन वर्ष कई उपलब्धियों से भरे रहे, जिनमें उन्होंने देश के इतिहास में पहली बार राजस्थान विधानसभा में राज्यपाल अभिभाषण से पूर्व संविधान उद्देशिका, मूल कर्तव्यों के वाचन की पहली की गई। उनकी पहल पर राजभवन में संविधान पार्क की स्थापना एवं संविधान संस्कृति के प्रसार और युवा पीढ़ी को संविधान से प्रत्यक्ष जोड़ने के लिए प्रदेश के विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क बनवाने की पहल की गई। आजादी के अमृत महोत्सव पर राजभवन की विशेष पहल पर विश्वविद्यालयों में आजादी आंदोलन से युवा पीढ़ी को जोड़ने के लिए विशेष आयोजन किए गए।

इस दौरान जनजातीय क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए राजभवन द्वारा टास्क फोर्स गठित करने के साथ ही विशेष प्रकोष्ठ गठित कर जनजातीय क्षेत्रों के विकास की नियमित मॉनिटरिंग की पहल भी की गई। जनजातीय क्षेत्रों में आदर्श ग्राम की स्थापना और इस क्षेत्र के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए विशेष कार्य शुरु कराये गये। जनजातीय क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल एवं प्रशिक्षण सुविधाओं के लिए विशेष कार्य योजना के तहत काम किया गया।

राजभवन की पहल पर राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण, संस्कृति मंत्रालय केन्द्र सरकार के सहयोग से राजस्थान की समृद्ध विरासत संरक्षण के लिए कार्य प्रारंभ किए गए। राज्य में गायों में फैल रही लंपी स्किन बीमारी को रोकने के लिए राजभवन ने पहल कर विशेष समीक्षा बैठक ली गई। इससे पहले वैश्विक महामारी कोरोना के विकट दौर में कलाकारों की आजीविका की समस्या के मद्देनजर उनके लिए विशेष मदद की पहली की। राज्यपाल चूंकि पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के अध्यक्ष भी है, इसलिए वहां से कलाकारों को सहायता देने के साथ कोविड में उनके आनलाईन कार्यक्रम कर मंच प्रदान किया गया। विशेष रुप से ट्राइबल कला मेला लगाया गया ताकि आदिवासी क्षेत्रों में लुप्त हो रही कला और कलाकारों को आगे लाया जा सके।

राज्यपाल की पहल पर भारतीय संस्कृति संबंध परिषद केन्द्र सरकार द्वारा पहली बार राजभवन में कला संवाद का आयोजन किया गया। इस दौरान राज्यपाल ने प्रदेश के कलाकारों से संवाद कर राजस्थान की कलाओं के संरक्षण प्रसार एवं कलाकारों के प्रोत्साहन की दिश में विशेष पहल की गई। विश्वविद्यालयों में गुण्वत्तापूर्ण शिक्षा और वैश्विक स्तर पर उनके वििकास के लिए कुलपति समन्वय समिति एवं टास्क फोर्स का गठन किया गया। राज्य में नई शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तीन दिवसीय विशेष कार्यशाला का आयोजन, विश्वविद्यालयों में नवाचारों के तहत इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जाने की पहल, विश्वविद्यालयों में वर्षा जल संरक्षण एवं सोलर ऊर्जा के साथ ग्रीन परिसर के लिए पहल के साथ दीक्षांत समारोहों का समय पर आयोजन सुनिश्चित किया गया।

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