चित्तौड़गढ़ में गरीबी एवं प्रशासनिक अकर्मण्यता के चलते न्याय से वंचित आमजन
चित्तौड़गढ़ 05 अगस्त : राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थापित विधिक सेवा प्राधिकरण का मानना है कि जिले में गरीबी एवं प्रशासनिक अकर्मण्यता के कारण आमजन को न्याय नहीं मिल पा रहा है।
प्राधिकरण के सचिव अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश भानुकुमार ने आज यहां आगामी 13 अगस्त को आयोजित होने वाली राष्ट्रिय लोक अदालत में लिए जाने वाले प्रकरणों की जानकारी देते हुये यह बात कही। उन्होंने कहा कि जिले में आमजन के सामने कई समस्याएं है जिनमे गरीबी भी यंहा की एक बड़ी समस्या है जिसके चलते प्रतिदिन उनके पास 10 से 15 प्रार्थना पत्र आते है जिनके मुकदमे गरीबी के कारण वकील नहीं करने के चलते उन्हें लंबे समय से न्याय नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में शीघ्र ही यंहा भी नालसा की स्थापना कर वकीलो का एक पैनल बनाया जा रहा है जिसके जरिये ऐसे गरीब लोगो का सत्यापन कर उन्हें वकील उपलब्ध करवाये जायेंगे जिससे ऐसे पात्र व्यक्ति को न्याय सुलभ हो सके।
उन्होंने इसके अलावा राजस्व न्यायालयों तथा विद्युत निगम में अपरोक्ष रूप से अकर्मण्यता की चर्चा करते हुए बताया कि भूमि पट्टो, नामांतरण सहित ऐसे राजस्व प्रकरण जो निष्पादित नहीं हो पा रहे है वे भी बड़ी संख्या में है जिनका निस्तारण किया जायेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि विद्युत निगम की बकाया वसूली के प्रकरणों में 50 से 70 प्रतिशत की छूट देकर वसूली के प्रकरण भी निपटाये जायेंगे।
मिलाकर प्राधिकरण ने पिछली लोक अदालत में 33 हजार प्रकरणों का निष्पादन किया गया था जिसे बढ़ाकर 13 अगसत को आयोजित अदालत में 40 हजार के लक्ष्य पर ले जाया जायेगा।