कोटा में आवारा मवेशी छोड़ने वाले पशुपालकों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
कोटा,12 जनवरी : राजस्थान सरकार द्वारा कोटा में करोड़ों रुपए खर्च कर बनाई गई
देवनारायण एकीकृत आवासीय योजना के बाद भी अभी तक शहर को आवारा मवेशियों की जटिल समस्या से छुटकारा नहीं मिला है।
कोटा शहर में सड़कों पर विचरने वाले मवेशियों को पकड़ने का कल से शुरू किया अभियान आज भी जारी रहा।
नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के निर्देश पर देवनारायण एकीकृत आवासीय योजना बनाने वाले कोटा नगर विकास न्यास ने इन बेपरवाह छोड़े गये मवेशियों को पकड़ने के लिये सख्ती बरतने का फैसला किया है और यह तय किया है कि जिन लोगों ने इस एकीकृत आवासीय योजना में अपने में आवास-बाड़े आवंटित करवा लिया है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अभी तक कोटा शहर में भी पशुपालन को जारी रखा है तो ऐसे पशुपालकों का न केवल इस देवनारायण एकीकृत आवासीय योजना से आवंटन को निरस्त किया जाएगा बल्कि उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी होगी। शहर में आवारा मवेशियों की धरपकड़ के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है और इस अभियान के तहत बुधवार को भी बड़ी संख्या में मवेशियों को पकड़ा गया।
श्री धारीवाल के निर्देश पर बुधवार सुबह से ही स्वायत्तशासी निकाय संस्थानों की ओर से न केवल आवारा मवेशियों की धरपकड़ की जा की गई बल्कि ऎसे पशुपालकों के खिलाफ भी सख्ती से कार्यवाही की गई जिन्होंने अवैध रूप से सरकारी जमीन पर कब्जा करके बाडे बना रखे हैं और वहां अपने दुधारू मवेशियों को पाल रखा है। स्वायत्तशासी संस्थाओं कोटा नगर विकास न्यास और कोटा नगर निगम निगम ने बुधवार सुबह से ही शहर के विभिन्न स्थानों पर कार्यवाही करके करीब 60 ऎसे मवेशियों को पकड़ा जो सड़कों पर खुले छोड़ दे गए थे जबकि अवैध रूप से बाड़े बनाकर पशुपालन कर रहे तीन पशुपालकों के बाड़ों को अतिक्रमण विरोधी दस्ते ने हटाया।
नगर निगम (दक्षिण) की गौशाला समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने बताया कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। गुरूवार को भी प्रात: से ही सड़को पर विचरण करने वाले मवेशियों की टीमों को आवश्यक संसाधनों के साथ रवाना किया गया है।