कोटा में लंपी संक्रमित गोवंश की संख्या तिहाई के पार
कोटा, 17 सितंबर : राजस्थान के कोटा जिले में संक्रामक रोग लंपी से पीड़ित गायों की संख्या का आंकड़ा तिहाई के पार पहुंच गया है।
जिले के लगभग सभी उपखंड क्षेत्रों में लंपी रोग से संक्रमित गायों के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है लेकिन पशु चिकित्सा विभाग अभी तक गायों को लंपी वायरस के संक्रमण से बचाने एवं संक्रमित गायों का इलाज करने के प्रति सजगता नहीं बरत रहा है।
नगर निगम कोटा (दक्षिण) की गोशाला समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह जीतू का आरोप है कि मोखापाड़ा में स्थित संभाग का सबसे प्रमुख पशु चिकित्सालय कारों से लाए जाने वाले संभ्रांत वर्ग के कुत्ते-बिल्लियों के इलाज करने का केंद्र बनकर रह गया है क्योंकि वहां वरिष्ठ चिकित्सकों और कम्पाउंड़रों को इन पालतू जानवरों का उपचार करने के लिए घरों तक जाकर इलाज कर मोटी कमाई का रास्ता मिल जाता है। केवल कनिष्ठ चिकित्सक, कंपाउंड और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही काफी हद तक यहां लाई गई लाई जानेवाली बेसहारा छोड़ी गई गायों-सांडों और घायल अवस्था में लाए गये स्ट्रीट डॉग का इलाज करने में रुचि दिखाते हैं।
इसके विपरीत पशु चिकित्सालय और पशुपालन विभाग के आधिकारिक सूत्र यह तो स्वीकारते हैं कि जिले में लंपी वायरस से संक्रमित गायों की संख्या तिहाई का आंकड़ा पार कर चुकी है लेकिन इस आरोप से इनकार करते हैं कि लंपी वायरस से संक्रमित गायों के इलाज में लापरवाही बरती जा रही है।
अधिकारिक सूत्रों ने कहा कि टीकाकरण के मामले में किसी तरह की कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। कोटा संभाग में कोटा जिले में 64 हजार 779, झालावाड़ में 84 हजार 636, बारां जिले में 84 हजार 383व बूंदी जिले में 64 हजार 158 गायों का टीकाकरण किया जा चुका है और टीकाकरण का सिलसिला आज भी जारी है।