लव जेहाद के नाम पर मुसलमानों को न करें बदनाम: यासूब अब्बास
जौनपुर, 28 दिसम्बर : ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव एवं प्रवक्ता मौलाना डॉ.यासूब अब्बास ने बुधवार को कहा कि लव जेहाद के नाम पर देश के मुसलमानों को बदनाम किया जाना समाज के हित में नहीं है। किसी भी धर्म जाति की लड़की से गलत हरकत करने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिये।
लव जेहाद को लेकर पूछे गये एक सवाल पर डॉ अब्बास ने यूनीवार्ता से कहा “ किसी को भी अपनी पहचान छिपाना का हक नहीं है मगर इसके लिए केवल मुसलमानों को ही निशाना बनाया जाए, यह भी ठीक नहीं है। ”
उन्होंने कहा “ देश में कॉमन सिविल कोड लागू होने की दशा में हम विरोध करेगें। हिन्दुस्तान में विभिन्न धर्मों केे लोग रहते हैं और एक दूसरे के धर्म का सम्मान भी करते हैं। यदि कॉमन सिविल कोड का कानून लागू होता है तो इसका सीधा असर हमारे पर्सनल लॉ बोर्ड पर पड़ेगा जो हम लोग किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगें, ऐसे में सरकार को चाहिए कि वे सभी धर्म व मजहबों का सम्मान करते हुए ऐसे कानून लाने से बचे।”
प्रदेश सरकार द्वारा मदरसों की जांच पर उन्होंने कहा कि जो मदरसे खुफिया विभाग या सरकार की निगाह में गलत कार्य करते हुए पाये जाएं तो उनके विरूद्ध जांच कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन हर मदरसों की जांच होना ठीक नहीं है। इतिहास गवाह है कि इन्हीं मदरसों से आईएएस,आईपीएस,गर्वनर,राजनेता, वैज्ञानिक सहित कई ऐसी शख्सियत निकली है जिन्होंने देश की सेवा करते हुए मदरसों का नाम भी रौशन किया है। हमारे मदरसों के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं और यहां मजहब व दीन के साथ साथ देश की तरक्की व उन्नति की शिक्षा भी देते हैं।
मौलाना ने कहा कि मुंबई में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में सभी ने सर्वसम्मत से संकल्प पत्र पारित किया और हजरत इमाम हुसैन अ.स. का नाम शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की। बड़े बड़े महापुरूषों के नाम सिलेबस में शामिल हैं ऐसे में इमाम हुसैन ने दुनिया में इंसानियत को बचाने के लिए अपने पूरे परिवार के साथ शहादत देकर अपना पैगाम दिया था। खासतौर पर हिन्दुस्तान से उनकी मोहब्बत जग जाहिर है। आज दुनिया में दो तरह का इस्लाम है एक सर काटकर अपनी तालिबानी हुकूमत का इजहार करता है तो दूसरी तरफ कर्बला हमें सर कटाकर इंसानियत बचाने का संदेश देती है। ऐसे में इमाम हुसैन के संदेश को दुनिया तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है।
इस मौके पर नासिरिया अरबी कॉलेज के प्रधानाचार्य मौलाना महफूजुल हसन खां, हिन्दुस्तान मानवाविधाकर के महासचिव वकार हुसैन, जुहैरूल हसन खां सहित अन्य लोग मौजूद रहे।