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कर्नाटक की हार से ध्यान भटकाने के लिए नोटबंदी की नौटंकी कर रही है भाजपा : जदयू

पटना 21 मई:  बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने 2000 रुपये के नोट के चलन पर लगाई रोक को सियासी नौटंकी बताते हुए आज कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली शिकस्त ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मानसिक संतुलन बिगाड़ कर रख दिया है।
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं महासचिव राजीव रंजन ने रविवार को यहां कहा कि खुद को अजेय समझने वाली भाजपा अपनी पराजय को पचा नहीं पा रही है। उसे समझ में ही नहीं आ रहा है कि करें तो क्या करें। इसी बौखलाहट में उसने 2000 रुपये के नोटों को बंद करने का फरमान जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा को लगता है कि इससे जनता का ध्यान मुख्य मुद्दों से भटक जाएगा और लोग उसकी नाकामियों को भूल जायेंगे।
श्री रंजन ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने जब पिछली बार नोटबंदी की थी तब कई लोगों को लगा था कि इससे कालेधन पर चोट पड़ेगी और भ्रष्टाचारी पकडे जायेंगे। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के इस तुगलकी फरमान से आम जनता को काफी तकलीफें झेलनी पड़ी। लोगों को अपना काम धंधा छोड़ कर नोट बदलने के लिए कड़ी धूप में कई दिनों तक लाइन में लगना पड़ा। कुछ लोगों की तो लाइन में लगे हुए ही मौत हो गयी फिर भी लोगों ने सरकार के वादे पर भरोसा बनाये रखा। लेकिन, यह भी वादे मोदी सरकार के अन्य वादों की तरह हवा-हवाई बन कर रह गये। बैंकों में 99 प्रतिशत से अधिक रकम लौट कर चली आई। न तो कालाधन पकड़ा गया और न ही भ्रष्टाचारी।
जदयू महासचिव ने कहा कि वास्तव में देश की जनता आज मंहगाई, बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यस्था, आर्थिक सुरक्षा जैसी वजहों से परेशान है। उसे समझ में आ गया है कि भाजपा सपनों की सौदागर है। उसका विकास सिर्फ उसके पूंजीपतियों मित्रों के दरवाजों तक ही सीमित रहने वाला है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब भारत में भी पडोसी देशों की तरह खाने-पीने की चीजों के लिए मारामारी होने लगेगी।
श्री रंजन ने कहा कि जनता जान चुकी है कि भाजपा के पास देने के लिए केवल उन्माद है। यही वजह है कि जनता ने कर्नाटक में उसे धूल चटा दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा यह जानकर नोटबंदी से अब उन्हें कोई लाभ नहीं मिलने वाला। जनता उनकी हकीकत जान चुकी है और इस करनी का फल उन्हें आगामी चुनावों में जरूर मिलेगा।

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