नहरों से पहुंचा पानी तो बुंदेलखंड में लहरायी धान की फसल
झांसी 27 अगस्त : उत्तर प्रदेश में सूखे के कारण अकसर चर्चा में रहने वाले बुंदेलखंड क्षेत्र में अब नहरों के माध्यम से पर्याप्त पानी पहुंचने के कारण धान के बुवाई क्षेत्र में जबरदस्त इजाफा हुआ है और इस सूखे इलाके में आज धान की फसल लहरा रही है।
कृषि विज्ञान केंद्र भरारी के वैज्ञानिक डॉ. ए सिंह ने शनिवार को बताया कि धान की बुआई के क्षेत्रफल में इस बढ़ोत्तरी के कई वजह हो सकती है। धान की कई ऐसी किस्में हैं जो कम पानी में उपजाई जा सकती हैं। इसके अलावा झांसी में धान की बुआई मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में अधिक हो रही है जहां नहरों की उपलब्धता है और इनके माध्यम से किसानों को आसानी से पानी उपलब्ध हो जा रहा है। नहरों के माध्यम से पानी की उपलब्धता होने से किसानों की धान के पैदावार में रूचि बढ़ी है।
प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने बुंदेलखंड की प्यास बुझाने की कई योजनाएं शुरू की हैं साथ ही इस क्षेत्र को नहरों से जोड़ने का काम भी बखूबी किया गया है । इसी का परिणाम है कि आज इस सूखाग्रस्त इलाके में धान की फसल लहलहा रही है। इस बार बुंदेलखंड के किसानों ने धान की फसल की बुआई को लेकर पिछले साल का रिकार्ड तोड़ने में सफलता हासिल की है। झांसी में इस बार खरीफ में धान की बुआई का क्षेत्रफल पिछली बार की तुलना में तीन गुना से भी अधिक बढ़ गया है। नहरों के जाल और उनके माध्यम से खेतों तक आसानी से पानी पहुंचने से ही धान की बुआई के प्रति किसानों का रूझान बढ़ा है।
कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक झांसी में पिछले साल 2021 में खरीफ में 8,589 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की बुआई किसानों ने की थी जबकि इस बार 2022 में खरीफ में किसानों ने 26,160 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की बुआई की है। क्षेत्रफल के लिहाज से पिछले साल की तुलना में यह बढ़ोत्तरी तीन गुना से भी अधिक है। आमतौर पर बुंदेलखंड में दलहन और तिलहन की फसलों को प्रमुखता दी जाती रही है, लेकिन अब धान की बुआई को लेकर भी किसानों में रुझान बढ़ रहा है। यह आंकड़ा इसलिए भी प्रेरित करने वाला है क्योंकि देश के कई हिस्सों से इस बार धान की बुआई का क्षेत्रफल घटने की जानकारी सामने आई है।