उत्तर प्रदेश

सारस के लिए विकसित किये जाएं विशेष पार्क : योगी

लखनऊ, 27 मार्च : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि घने जंगलों में राज्य पक्षी सारस और राज्य पशु बारहसिंघा के लिए विशेष पार्क विकसित किये जाने चाहिए।

वन विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में श्री योगी ने कहा कि वन विभाग प्रदेश के जंगलों को ईको टूरिज्म के रूप में विकसित करने के लिए सकारात्मक भाव के साथ कार्य करे। वनों में मौजूद जलराशियों की साफ सफाई और उनकी मेड़ों पर व्यापक पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। वन विभाग ऐसे विभागों को चिह्नित करे, जिनसे पर्यावरण और वन संपदा को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचता है। इसके बाद उनकी सीएसआर निधि को पर्यावरण संरक्षण के लिए कैसे उपयोग कर सकते हैं, इसके लिए जल्द से जल्द एक व्यवस्था तैयार करें।

मुख्यमंत्री ने जलोत्सव माह का भी शुभारंभ किया और 26वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने और पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों से संवाद किया। इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश के वन विभाग की टीम को 12 स्वर्ण, 18 रजत और 13 कांस्य पदक प्राप्त हुए हैं।

श्री योगी ने कहा कि वन विभाग के कर्मचारियों के ऊपर आज बड़ी जिम्मेदारी है। पूरी दुनिया आज इस बात के लिए चिंतित है कि पृथ्वी का क्या होगा, क्योकिं दुनियाभर में पर्यावरण परिवर्तन देखने को मिल रहा है। ऐसे दौर में पर्यावरण संरक्षण को लीड करना सबसे बड़ी आवश्यक्ता है। जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम से ना केवल मनुष्य बल्कि पूरी जीव सृष्टि को बचाना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले छह वर्ष में प्रदेश में 100 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण हुआ है, जिससे यूपी का फॉरेस्ट कवरेज बढ़ा है। साथ ही साथ यूपी के वनों में वन्यजीवों की संख्या बढ़ी है। जो जंगल अनवरत काटे जा रहे थे उन्हें नियंत्रित किया गया है। अवैध खनन को प्रतिबंधित किया गया है। हर स्तर पर वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए पुख्ता कदम उठाए गये हैं। इसके अलावा अन्य कार्यक्रम भी हुए हैं, जिसमें टाइगर रिजर्व के लिए नई साइट बन रही हैं और वेटलैंड घोषित किये जा रहे हैं।

उन्होने कहा कि आज इस अवसर पर जलोत्सव माह की घोषणा हो रही है। यूपी में हजारों अमृत सरोवर बनाए गये, जहां व्यापक तौर पर वृक्षारोपण का कार्य हुआ। हम ये कार्य जंगल के जलाशयों को लेकर भी शुरू कर सकते हैं। उन्होंने आह्वान किया कि इस बार वन महोत्सव के दौरान जलाशयों के मेड़ पर व्यापक रूप से वृक्षारोपण का कार्यक्रम शुरू किया जाए। हमें गंगा और यमुना के आसपास नये वेटलैंड को बनाना होगा। जंगलों को ईको टूरिज्म के रूप में विकसित करना होगा। राज्य पशु बारहसिंघा और और राज्य पक्षी सारस के संरक्षण के लिए जंगलों के बीच में विशेष पार्क विकसित किये जाएं। हमें इन सभी कार्यों को सकारात्मक भाव से आगे बढ़ाना होगा।

कार्यक्रम में पर्यावरण वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना, राज्यमंत्री केपी मलिक, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव पर्यावरण वन मनोज सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक ममता संजीव दुबे मौजूद रहे।

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