उत्तर प्रदेश

पश्चिम की नब्ज टटाेलने योगी और भूपेन्द्र चौधरी पहुंचे मुरादाबाद

मुरादाबाद, 03 सितंबर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी शनिवार को मुरादाबाद पहुंचे।

श्री योगी का हेलीकॉप्टर आज सुबह लगभग 11.20 बजे सर्किट हाउस के हेलीपैड पर उतरा। उनके साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी थे। मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के संयुक्त दौरे से राजनीतिक हलकों में कयास लगाये जा रहे है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रभाव वाले मुरादाबाद मंडल में पार्टी 2024 मे होने वाले लोकसभा चुनाव में अपनी तैयारियों को धार दे रही है। श्री योगी अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन मुरादाबाद में विभिन्न कार्यक्रमाें में हिस्सा लेने के बाद बिजनौर में रात्रि विश्राम करेंगे जबकि रविवार को वह रामपुर जायेंगे।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी और सरकार के फोकस को देखकर लगता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में अपनी पैठ बनाने की कवायद अभी से शुरू कर दी है। भाजपा और सरकार का ज्यादा फोकस मिशन 2024 के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर रहने वाला है क्योंकि खुद मुख्यमंत्री यहां आकर जनता की नब्ज टटोल रहे हैं।

पश्चिम में खासतौर से किसान जातियों में जाट-गुर्जर बहुल इस क्षेत्र में किसान यूनियनों का दबदबा है। दूसरी ओर मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी तादाद होने के वजह से मंडल में सपा के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का मजबूत जनाधार है। ऐसे में खास रणनीति के तहत सूबे के सरकार और संगठन के मुखियाओं का साथ आना एक तीर से कई निशाने साधने के तौर पर देखा जा रहा है।

प्रदेश अध्यक्ष पहले ही कह चुके हैं कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रदेश में 2019 में हारी हुई सीटों को जीतने का संकल्प लेकर काम करेंगी।

गौरतलब है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ,मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर,संभल, अमरोहा तथा संभल रामपुर आदि जिलों में भाजपा कमजोर साबित हुई है। अमरोहा, मुरादाबाद,संभल, बिजनौर, नगीना तथा सहारनपुर सीटों पर पिछले चुनावों में सपा-बसपा गठबंधन ने जीत हासिल कर भाजपा के रणनीतिकारों को पशोपेश मे डाल दिया था। मेरठ, बागपत तथा मुजफ्फरनगर सीटों पर भाजपा को जीत के लिए कडे संघर्ष का सामना करना पडा था। सरकार और संगठन की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव से पहले नवंबर 2023 तक कमजोर सीटों पर विकास कार्य योजनाओं की समीक्षा करने के साथ साथ सोशल इंजीनियरिंग के तहत जातिगत समीकरणों को भाजपा के पक्ष में मजबूत कर लिया जाए।

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