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गावों में ई-टेंडर के माध्यम से करवाए जाएंगे विकास कार्य : बबली

सिरसा 18 दिसंबर : हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने नव-निर्वाचित पंचायती राज संस्थाओं से आह्वान किया है कि वे शहरों की तर्ज पर गांवों के चहुंमुखी विकास के लिए सकारात्मक सोच के साथ कार्य करें। गांवों के विकास कार्यों में धन राशि की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी।

श्री बबली ने कहा कि प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत विकास कार्य ई-टेंडर के माध्यम से करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतें गांवों के विकास के लिए प्रस्ताव पास करके उनके पास में भेजें। गांवों में भले ही एक रुपये से लेकर 100 करोड़ रुपये तक के विकास कार्य ई-टेंडर के माध्यम से हों, लेकिन वे सभी सरपंचों की देखरेख में ही होंगे। पंचायतों के हकों का किसी भी तरह से हनन नहीं होने दिया जाएगा।

वहीं कार्यक्रम के दौरान कई सरपंचों ने ई टेंडरिंग प्रणाली का विरोध करते हुए मंत्री देवेंद्र बबली से कहा कि सरपंचों को कार्य करवाने के लिए राशि में ओर बढ़ोतरी की जाए। बणी गांव की महिला सरपंच नैना झोरड़ ने इस दौरान बिजली मंत्री रणजीत सिंह द्वारा उन्हें धमकाए जाने व गांव से एम्बुलेंस सेवा बंद करने का मुद्दा भी उठाया। इस पर मंत्री ने डीडीपीओ राजेश कुमार को फटकार भी लगाई।
श्री बबली रविवार को जिला स्तरीय पंचायती राज सम्मेलन (जन-संवाद) कार्यक्रम के तहत स्थानीय चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में जिला के नव-निर्वाचित जिला पार्षद, पंचायत समिति सदस्य व पंच-सरपंचों को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले अतिरिक्त उपायुक्त डा. आनंद शर्मा व जिला पार्षद नंदलाल बेनीवाल ने मंत्री देवेंद्र सिंह बबली का स्वागत किया। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त डा. आनंद शर्मा, डीडीपीओ राजेश कुमार, जजपा जिलाध्यक्ष सर्वजीत मसीतां सहित सभी बीडीपीओ व अन्य अधिकारी मौजूद थे।

श्री बबली ने समारोह को संबोधित करते हुए आह्वान किया कि ग्राम पंचायतें गांवों को निर्मल और स्वच्छ बनाने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में शहरों की तरह गांवों में घरों से डोर टू डोर कचरे का कलेक्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महज गली व नालियों का निर्माण करवाना ही गांवों का विकास नहीं होता। प्रदेश की पंचायतों में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी महिलाओं को दी गई है, जो कि महिला सशक्तिकरण का एक उदाहरण हरियाणा सरकार ने दिया है।

सरकार की दूरगामी सोच के तहत ही प्रदेश में पढ़ी लिखी पंचायतें बनी हैं, जिसमें युवाओं की खासी भागीदारी सामने आई है। प्रदेश सरकार भी गांवों की स्वच्छता के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि गांवों की फिरनी पर लाइट व सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। प्रदेश भर की तीन लाख किलोमीटर फिरनी में से पहले चरण में एक लाख किलोमीटर फिरनी पर कार्य किया जाएगा। इसी प्रकार से सरकार ने गांवों में जलभराव की समस्या से निपटान के लिए ग्रे वाटर मैनेजमेंट के तहत कार्य शुरू किया है,जिसमें जलभराव वाले 3500 गांवों में से 1000 गांवों में कार्य शुरू हो चुका है। जलभराव की समस्या से निजात पर सरकार द्वारा 18 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

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