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भारत ने नौंवी बार जीती सैफ चैंपियनशिप

बेंगलुरु, 04 जुलाई: भारत ने सैफ चैंपियनशिप के सांस रोक देने वाले फाइनल में मंगलवार को कुवैत को शूटआउट में 5-4 (फुल टाइम 1-1) से हराकर नौंवी बार दक्षिण एशियाई चैंपियन बनने का सम्मान हासिल किया।

श्री कांतीरवा स्टेडियम पर खेले गये मुकाबले में कुवैत ने 14वें मिनट में शबीब अल-खालिदी के गोल से बढ़त बनायी, लेकिन लल्लिंज़ुआला छंगटे 35वें मिनट में गोल दागकर भारत को बराबरी पर ले आये। इसके बाद 120वें मिनट तक दोनों ही टीमें गेंद को नेट में नहीं पहुंचा सकीं, जिसके कारण विजेता का फैसला पेनल्टी शूटआउट से हुआ।

शूटआउट में सुनील छेत्री, संदेश झिंगन, छंगटे, सुभाशीष बोस और महेश सिंह ने भारत के गोल किये, जबकि कुवैत के लिये फ़वाज़ अल-ओतैबी, अहमद अल ज़फ़ीरी, महरान और अल-खालिदी ही गेंद को नेट में दाग सके।

यह भारत का कुल नौंवा और लगातार दूसरा सैफ चैंपियनशिप खिताब है। वह इस टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम है, जबकि उसके बाद मालदीव ने यह चैंपियनशिप दो बार जीती है।

पिछले मुकाबले में भारत को ड्रॉ पर रोकने वाला कुवैत इस बार पहले मिनट से ही आक्रामक नज़र आया। संदेश झिंगन और अनवर अली से सजे भारतीय रक्षण ने चौकसी का प्रदर्शन किया, लेकिन कुवैत ने आखिरकार 14वें मिनट में भारत के गोल तक जगह बना ली।

कुवैत के लिये प्रत्याक्रमण करते हुए मुबारक अल-फनीनी ने भारतीय गोल की ओर कदम बढ़ाते हुए अब्दुल्लाह अल-बलूशी की ओर पास खेला। अल-बलूशी ने भारतीय बॉक्स में अकेले खड़े शबीब अल-खालिदी को क्रॉस दिया, जिन्होंने गेंद को नेट में पहुंचाकर कुवैत का खाता खोल दिया।

भारतीय टीम 16वें मिनट में अपना पहला गोल करने के करीब आयी, लेकिन उसे स्कोर बराबर करने के लिये 38वें मिनट तक इंतज़ार करना पड़ा। कप्तान छेत्री ने कुवैत के डिफेंस को भेदते हुए सहल अब्दुल-समद को पास दिया। सहल का क्रॉस कुवैत के बॉक्स में खड़े लल्लिंज़ुआला छंगटे के पास गया और कुछ घंटे पहले अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ द्वारा साल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गये छंगटे ने स्कोर बराबर कर दिया।

पहले हाफ में स्कोर बराबर होने के बाद कुवैत ने दूसरे हाफ में आगे निकलने के कई प्रयास किये, लेकिन भारतीय डिफेंस और विशेषकर गोलकीपर गुरप्रीत सिंह ने गेंद को नेट में नहीं पहुंचने दिया। मैच के 53वें मिनट में अल-खालिदी अपना और कुवैत का दूसरा गोल कर सकते थे, लेकिन झिंगन ने अब्दुल्लाह के पास को अल-खालिदी तक नहीं पहुंचने दिया। इंजरी टाइम के दूसरे मिनट में कुवैत दूसरा गोल कर जीत ही गया होता लेकिन गुरप्रीत ने यहां दर्शनीय रक्षण कर भारत को हार से बचा लिया।

भारत के पास भी 62वें मिनट में आगे निकलने का मौका था लेकिन छेत्री के पास पर छंगटे का शॉट सीधा कुवैत के गोलकीपर मज़रूक़ के दस्तानों में जा समाया। स्कोर बराबर रहने पर मैच में अंततः अतिरिक्त समय जोड़ा गया। थोड़े विश्राम के बाद दोनों टीमें मैदान पर लौटीं, लेकिन 30 मिनटों की खींचातानी के बाद भी स्कोर 1-1 ही रहा। भारत के लिये 119वें मिनट में गोल की संभावनाएं बनीं भी लेकिन छंगटे का शॉट इस बार क्रॉसबार के ऊपर से निकल गया।

अंततः, पेनल्टी शूटआउट में कप्तान छेत्री ने एक बार फिर अपनी गुणवत्ता का प्रदर्शन करते हुए भारत के लिये पहला गोल जमाया। कुवैत की ओर से अब्दुल्लाह गेंद को नेट में पहुंचाने में असफल रहे, जबकि भारत की ओर से उदांता सिंह का शॉट चूक गया। झिंगन, छंगटे और सुभाशीष के गोलों की मदद से पांच प्रयासों के बाद भारत और कुवैत 4-4 की बराबरी पर थे। अंततः, भारत के लिये छठी पेनल्टी लेने वाले महेश का गोल टीम की जीत में निर्णायक साबित हुआ। महेश की पेनल्टी कुवैत के गोलकीपर को छकाती हुई सीधा नेट में जा पहुंची, जबकि कुवैत के कप्तान खालिद हाजिया के प्रयास को गुरप्रीत ने रोक लिया।

इसी के साथ भारत ने सैफ चैंपियनशिप जीत ली और निलंबन के कारण पूरे मैच से दूर रहे कोच इगोर स्टिमाच ने मैदान पर आकर टीम के साथ जश्न मनाया।

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