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‘केएसई, जारकीहोली को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर केंद्रीय नेतृत्व सकारात्मक’

बेलगावी, 20 दिसंबर : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को कहा कि राज्य मंत्रिमंडल में श्री के.एस. ईश्वरप्पा और श्री रमेश जारकीहोली को फिर से शामिल करने के प्रस्ताव पर केंद्रीय नेतृत्व की राय सकारात्मक है।

श्री बोम्मई ने यहां सुवर्णा सौधा में संवाददाताओं से कहा, “मैंने दिल्ली की अपनी पिछली यात्रा के दौरान उनके (श्री ईश्वरप्पा और श्री जारकिहोली) मामलों को उनके (केंद्रीय पार्टी नेतृत्व) के समक्ष प्रस्तुत किया है। उनकी इस पर सकारात्मक राय है। शेष बातें मैं उन्हें बताऊंगा। इस बारे में मैं सार्वजनिक रूप से नहीं बता सकता।” उन्होंने कहा, “मैं श्री ईश्वरप्पा और श्री रमेश के संपर्क में हूं। मैं उनसे बात करूंगा।”

श्री बोम्मई विधानसभा के शीतकालीन सत्र से श्री ईश्वरप्पा और श्री जारकीहोली के अनुपस्थित रहने पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बातें कहीं। श्री ईश्वरप्पा ने बेंगलुरु में श्री बोम्मई के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संवाददाताओं से कहा कि उन्हें बेलगावी में बोम्मई की ओर से की गयी टिप्पणी पर भरोसा है, जो उन्होंने उनको (श्री ईश्वरप्पा) मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर कही है। उन्होंने कहा,“ मुख्यमंत्री ने वहां (बेलगावी) पत्रकारों को इस मुद्दे पर केंद्रीय नेतृत्व की सकारात्मक राय के बारे में बताया है। मुझे मुख्यमंत्री द्वारा की गई टिप्पणियों पर विश्वास है।”

उल्लेखनीय है कि श्री जारकीहोली और श्री ईश्वरप्पा को क्रमशः भ्रष्टाचार और सेक्स स्कैंडल के आरोपों के घिरने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केंद्रीय नेतृत्व ने बोम्मई मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के लिए कहा था।बेलगावी के एक ठेकेदार संतोष पाटिल द्वारा आत्महत्या करने के बाद अप्रैल में श्री ईश्वरप्पा को ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था।

ठेकेदार ने श्री ईश्वरप्पा और उसके करीबी अन्य लोगों पर कथित रूप से एक ठेकेदार के रूप में किए गए कार्यों के बिलों को मंजूरी देने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था।आपराधिक जांच विभाग ने अदालत में सौंपी अपनी रिपोर्ट में ईश्वरप्पा को क्लीन चिट दे दी है। श्री पाटिल की पत्नी ने हालाँकि कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत से मुकालत कर बताया कि रिपोर्ट मंत्री के पक्ष में है। यौन उत्पीड़न का आरोप लगने के बाद श्री जारकीहोली ने बी.एस. येदियुरप्पा की सरकार से जल संसाधन मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। जांच एजेंसी द्वारा मामले में बी-रिपोर्ट (मामले को बंद करने) सौंपे जाने के बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) ने उन्हें इस मामले में क्लीन चिट दे दी है।

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