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पंजाब में किसानों को प्रति गांव नौ हजार रुपये मुआवजाए ‘भद्दा मजाक’: शर्मा

चंडीगढ़ 08 अप्रैल : पंजाब प्रदेश भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने राज्य में गत दिनों भारी बारिश, ओलावृष्टि और आंधी-तूफ़ान से फसलों को हुये नुकसान के लिये किसानों को राज्य सरकार की ओर से कथित तौर पर प्रति गांव महज नौ हजार रूपये मुआवजा देने को भद्दा मज़ाक बताया है।

श्री शर्मा ने रविवार को यहां जारी एक प्रेस बयान में कहा कि पंजाब में पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में बदलाव से किसानों की फसलों का जो नुक्सान हुआ है उसके बारे में उनकी ओर से केंद्र सरकार को विस्तृत जानकारी दी गई है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि गेहूं खरीद गुणवत्ता में रियायत के लिए केंद्र सरकार एक दो दिन में घोषणा कर देगी। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान भाई चिंता न करें। केंद्रीय खरीद एजेंसियां गेहूं का एक एक दाना खरीद लें इसके लिये वह लगातार केंद्र सरकार के सम्पर्क में हैं।

भाजपा नेता ने राज्य की भगवंत मान सरकार को कोसते हुए कहा कि यह किसानों की समस्याओं को लेकर जरा भी गम्भीर नहीं हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गत दिनों उत्तर भारत सहित पंजाब में हुई बेमौसम बारिश से किसानों गेहूं की फसल जहाँ बर्बाद हो गई वहीं इसकी गुणवत्ता भी खराब हो गई है। लेकिन किसान हितैषी होने का ढोंग करने वाले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खराब फसल के लिए मुआवजे घोषणा कर किसानों के साथ भद्दा मजाक किया है।

श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने बारिश, ओलावृष्टि, आंधी आदि से बरबाद हुई फसलों के लिए केवल 11.50 करोड़ रुपये जारी किए हैं। अगर यह रकम राज्य के 23 जिलों में बांट दी जाए तो एक जिले के हिस्से केवल 50 लाख रुपये और एक गांव को केवल नौ हजार रुपये ही आते हैं। उन्होंने इसे किसानों के साथ धोखा करार दिया और कहा कि भाजपा इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।

श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल के साथ दूसरे राज्यों में जाने के लिए पर्याप्त समय है, लेकिन दिल्ली जाकर केंद्र सरकार से मिल कर किसानों की समस्याओं पर चर्चा करने का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पूरी सरकार किसानों की बरबाद हुई फसलों को लेकर बहुत चिंतित है। उन्होंने राज्य सरकार से किसानों को 50,000 रुपये प्रति एकड़ और खेत मजदूरों को 5,000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से तत्काल मुआवजा देने तथा किसानों के साथ किए गए वादे के अनुसार सरकार किसानों का सारा कर्ज माफ करने की मांग की।

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