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अमेरिका में बेगुनाह ने जेल में बिताये लगभग चार दशक

सैक्रामेंटो (अमेरिका), 29 अक्टूबर : हत्या के झूठे आरोप में करीब चार दशक जेल की चाहरदिवारी में कैद रहने वाले एक अमेरिकी नागरिक को डीएनए के नये सबूत मिलने के बाद रिहा कर दिया गया है।

वर्ष 1983 में कैलिफोर्निया की रॉबर्टा वायडरमायर की हत्या और दो हत्याओं के प्रयास के मामले में मौरिस हेस्टिंग्स को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी थी लेकिन नए डीएनए सबूतों ने हत्या के लिये हेस्टिंग्स(69) की बजाय अन्य व्यक्ति की ओर इशारा किया, जिसकी मृत्यु 2020 में जेल में हो गयी थी। इसके बाद हेस्टिंग्स को रिहा करने का आदेश स्थानीय अदालत ने पिछली 20 अक्टूबर को दिया था।

ला काउंटी के जिला अटॉर्नी जॉर्ज गैसकॉन ने सजा को ‘भयानक अन्याय’ की संज्ञा दी। उन्होंने कहा “ न्याय प्रणाली सही नहीं है, और जब हम नए सबूतों के बारे में सीखते हैं जो हमें दोषसिद्धि में विश्वास खो देता है, तो यह हमारा दायित्व है कि हम तेजी से कार्य करें।”

राबर्टा का शव उसकी कार में मिला था। उसके सिर पर गोली लगी हुयी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार हत्या से पहले उसका यौन उत्पीड़न किया गया था। बाद में हेस्टिंग्स पर हत्या का आरोप लगाया गया और अभियोजकों ने मृत्युदंड की मांग की। न्यायालय ने उसे दोषी ठहराया और वर्ष1988 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

पीड़िता के शव की जांच करने पर एक स्वाब में वीर्य का पता चला था। हेस्टिंग्स ने उस समय भी अपनी बेगुनाही की गुहार लगायी थी जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 2000 में स्वाब के डीएनए परीक्षण के अनुरोध को जिला अटॉर्नी ने अस्वीकार कर दिया था।

आखिरकार 2021 में उसका डीएनए की कन्विक्शन इंटीग्रिटी यूनिट में बेगुनाही का दावा पुख्ता हो गया और जून में डीएनए परीक्षण में पाया गया कि वीर्य उसका नहीं था। इसके बजाय डीएनए प्रोफ़ाइल एक ऐसे व्यक्ति से मेल खाती है जिसे सशस्त्र अपहरण का दोषी ठहराया गया था। वह पीड़िता को एक वाहन की डिक्की में रखता था।

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