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दुबई सरकार ने हरियाणा के साथ समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप

चंडीगढ़, 07 अक्टूबर : हरियाणा में विदेशी निवेश को आकर्षित करने तथा औद्योगिक विकास के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए दुबई सरकार ने निवेश प्रोत्साहन और भूमि विकास जैसी विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में सहयोग के लिए हरियाणा सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन को अंतिम रूप दिया है।

इन गतिविधियों में रियल एस्टेट डेवलपमेंट, औद्योगिक पार्क, आईटी पार्क, बहुउद्देश्यीय टावर, मिक्स यूज टाउनशिप, इनोवेशन सेंटर और लॉजिस्टिक्स से संबंधित परियोजनाएं शामिल हैं।

समझौता ज्ञापन की शर्तों के तहत, दुबई सरकार सहयोग के संभावित क्षेत्रों की पहचान करने में सहयोग करने के लिए एक उपयुक्त इकाई की पहचान, कानूनी एवं वित्तीय सहयोग, व्यवहार्यता अध्ययन, वार्ता आयोजित करने सहित परियोजनाओं की व्यवहार्यता का आकलन करेगी। साथ ही, संयुक्त अरब अमीरात स्थित संभावित निवेशकों, जो भारत में निवेश करने में रुचि रखते हैं, उनकी पहचान करने और उनसे संपर्क स्थापित करने में हरियाणा सरकार का सहयोग करेगी।

हरियाणा सरकार अपनी मौजूदा नीतियों के अनुसार दुबई सरकार के किसी भी या सभी निवेशों के संबंध में वित्तीय प्रोत्साहन और अन्य लाभ प्रदान करने का प्रयास करेगी।

इस समझौता ज्ञापन से हरियाणा में निवेश को बढ़ावा देने और दुबई और हरियाणा के बीच आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंधों के मजबूत होने की उम्मीद है।

हरियाणा अपने अद्वितीय भौगोलिक स्थिति, 34 औद्योगिक मॉडल टाउनशिप और 28,540 एकड़ में फैले औद्योगिक संपदा के मजबूत औद्योगिक बुनियादी ढांचे, मजबूत कनेक्टिविटी, मजबूत नीतिगत ढांचा और कुशल मैनपॉवर के साथ भारत के प्रमुख औद्योगिक राज्यों में से एक के रूप में उभरा है। इतना ही नहीं, हरियाणा ऑटोमोबाइल, आईटी/आईटीईएस, इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, लॉजिस्टिक्स और कपड़ा क्षेत्रों में भी अग्रणी राज्य बना है।

राज्य सरकार ने क्षेत्र केंद्रित निवेशक अनुकूल नीतियों, जीआईएस लैंड बैंक, निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ, एकल छत निकासी तंत्र, सेवाओं की समयबद्ध डिलीवरी, शिकायत निवारण प्रणाली आदि जैसी विभिन्न पहलों के साथ एक सुगम कारोबारी माहौल बनाया है और हरियाणा निवेशकों के लिए पसंदीदा प्रमुख गंतव्य के रूप में उभरा है।

हरियाणा की शुरू की जा रही मेगा परियोजनाएं जैसे ग्लोबल सिटी प्रोजेक्ट एक मिक्स्ड लैंड उपयोग परियोजना है, जिसमें जीवन की गुणवत्ता, बुनियादी ढांचे और परिवेश के मामले में किस प्रकार यह परियोजना भविष्य के शहर के लिए एक आदर्श सिटी की परिकल्पना की गई है। दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर से लॉजिस्टिक्स सेवाएं प्रदान करने और एनसीआर / उत्तरी राज्यों और मुंबई बंदरगाह के बीच आर्थिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए नांगल चौधरी में 886 एकड़ में विकसित किया जा रहा इंटीग्रेटेड मल्टी मोडल लॉजिस्टिक्स हब, हिसार में 7200 एकड़ में विकसित किया जा रहा एकीकृत विमानन हब और एविएशन हब के आसपास के क्षेत्र में 300 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया जा रहा एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर तथा आईएमटी सोहना में स्थापित किए जा रहे इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर इत्यादि प्रमुख हैं।

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