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त्रिपुरा में पहले तीन घंटे में 19 फीसदी मतदान, छिटपुट हिंसा की रिपोर्टें

अगरतला 16 फरवरी: त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पहले तीन घंटे में करीब 19 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

शहर के अधिकांश मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की भारी भीड़ देखी गई और बूथों के सामने लंबी कतारें लगी रही। ईवीएम में खराबी के कारण और उन मतदान केंद्रों पर जहां मतदान कर्मचारी अपनी पहली ड्यूटी पर हैं, मतदान शुरू में धीमा था। शहर के 10 मतदान केंद्रों का प्रबंधन सभी महिला मतदान अधिकारियों और महिला सुरक्षा कर्मियों द्वारा किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने उज्जयंत पैलेस के सामने महारानी तुलसीबाती एचएस स्कूल में वोट डाला। उन्होंने दावा किया कि वह न केवल बारडोवाली सीट से बड़ी जीत हासिल करेंगे, बल्कि भाजपा की बहुमत के साथ सत्ता में वापसी होगी।

डॉ साहा ने कहा , “ मैं मतदाताओं से बड़ी संख्या में बाहर आने और बिना किसी डर के अपना वोट डालने की अपील करता हूं। चुनाव आयोग ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं और इस चुनाव को देश के सामने एक मॉडल के रूप में पेश करने का प्रयास किया गया है। मैं प्रशासन के संपर्क में हूं और अभी तक कहीं से कोई समस्या नहीं आयी है।”

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्य ने कॉलेज टीला में वोट डालने के बाद संवाददाताओं से कहा, “भाजपा के उम्मीदवार पूरी ताकत से उतरेंगे और कांग्रेस-माकपा गठबंधन को चुनाव में अपमानजनक हार का सामना करना पड़ेगा। जनता डबल इंजन वाली सरकार में विकास चाहती है। लोगों ने 25 साल के कम्युनिस्ट शासन और पांच साल की बीजेपी सरकार देखी है। हमें विश्वास है।”

इस बीच मतदान के दौरान कहीं कहीं छिटपुट हिंसा की रिपोर्टें सामने आयी है।

दक्षिण त्रिपुरा जिले के शांतिरबाजार निर्वाचन क्षेत्र में कालाचेरा मतदान केंद्र के बाहर एक भाकपा समर्थक को उस समय पीटा गया जब वह मतदान केंद्र जा रहा था। अधिकारियों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा , “ वह हमें हमलावरों के नाम बताने में असमर्थ है। संतिरबाजार थाना प्रभारी उपलब्ध तस्वीरों के आधार पर हमलावरों की तलाश कर रहे हैं। स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। हम जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार कर लेंगे।”

माकपा ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ता मतदाताओं को रामनगर और खैरपुर निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान केंद्रों तक पहुंचने से रोक रहे हैं और सुरक्षा बल पर्याप्त नहीं हैं। केंद्रीय बलों को बूथों का प्रबंधन करने वाले मतदान केंद्रों तक सीमित कर दिया गया है, जबकि सड़क पर तैनात राज्य पुलिस और टीएसआर के जवान मूकदर्शक बने हुए हैं।

माकपा नेता रतन दास ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने धारा 144 के तहत लागू प्रतिबंधात्मक आदेशों का उल्लंघन किया और पुलिस की मौजूदगी के बावजूद बड़ी संख्या में इकट्ठे हुए और मतदाताओं को सीधे धमकी देकर मतदान करने से रोका। इतना ही नहीं कुछ बूथों पर बीएलओ के सहयोग से बूथ जाम भी कर रहे हैं।

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