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अमेरिका ने सलमान रुश्दी मामले में ईरानी समूह पर लगाया प्रतिबंध

वाशिंगटन, 29 अक्टूबर : अमेरिका ने ब्रिटेन-अमेरिकी लेखक सलमान रुश्दी को लेकर अरबों डॉलर का इनाम रखने के आरोपी ईरानी फाउंडेशन के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की है।

श्री रुश्दी पर इस वर्ष अगस्त में न्यूयॉर्क में एक साहित्यिक कार्यक्रम में चाकू से हमला हुआ था।

‘अल जजीरा’ ने बताया कि अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने शुक्रवार को 15 खोरदाद फाउंडेशन के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की।

प्रतिबंधों ने फाउंडेशन की किसी भी अमेरिका-आधारित संपत्ति को जब्त कर दिया है और यह आम तौर पर यहां के नागरिकों को इसके साथ लेनदेन करने से रोकता है।

विभाग ने एक विज्ञप्ति में कहा, “अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी के आदेश के फरवरी 1989 में श्री रुश्दी को मौत की सजा सुनाने के बाद से 15 खोरदाद फाउंडेश ने इस घटना को अंजाम देने के इच्छुक लोगों को लाखों डॉलर दिए हैं।”

इसमें कहा गया,’ रुश्दी पर इनाम रखने के बाद से 15 खोरदाद फाउंडेशन ने लेखक को निशाना बनाने के लिए इनाम बढ़ाया है।’

‘अल जजीरा’ ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के हवाले से कहा,’फतवे का उद्देश्य आतंकवाद और हिंसा को भड़काना, रुश्दी और उनके सहयोगियों की हत्या करना और अन्यों को डराना था।’

उन्होंने कहा,’संयुक्त राज्य अमेरिका इस तरह के उकसावे और श्री रुश्दी पर हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता है और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक जबरदस्त हमला बताता है।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि उस वक्त ईरान के सर्वोच्च नेता खुमैनी ने श्री रुश्दी की पुस्तक ‘द सैटेनिक वर्सेज’ के प्रकाशन पर 1989 में एक फतवा जारी किया था। इस पुस्तक को कुछ मुस्लिम ईशनिंदा मानते थे।

ईरानी सरकार ने श्री रुश्दी को मारने के आह्वान से खुद को दूर कर लिया था। श्री रुश्दी ने अपनी जान पर खतरे को लेकर वर्षों तक छिपे रहे लेकिन तेहरान ने उनकी हत्या के लिए दिए गए आदेश को कभी नहीं हटाया।

श्री खोमैनी के उत्तराधिकारी अयातुल्ला अली खामेनेई को 2019 में ट्विटर से निलंबित कर दिया गया था। उन्होंने श्री रुश्दी के खिलाफ फतवे को अपरिवर्तनीय बताया था।

ट्रेजरी विभाग ने 15 खोरदाद फाउंडेशन पर 1989 में श्री रुश्दी की हत्या पर इनाम देने और 2012 में इसे 30 लाख डॉलर से अधिक तक बढ़ाने का आरोप लगाया है।

श्री रुश्दी पर पश्चिमी न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में चाकू से हमला हुआ था। वह यहां भाषण देने वाले थे। इस हमले में श्री रुश्दी बच गए लेकिन कथित तौर पर उनकी एक आंख और एक हाथ ने कार्य करना बंद कर दिया।

श्री रुश्दी पर हमला करने वाले हादी मटर(24) ने हत्या के प्रयास के आरोप में खुद को निर्दोष बताया है। आरोपी ने खुमैनी की तारीफ करते हुए कहा था कि श्री रुश्दी एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने इस्लाम और मुसलमानों की मान्यताओं पर हमला किया।

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