उत्तर प्रदेश

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट खोलेगा संभावनाओं के नये द्वार : योगी

मथुरा, 06 फरवरी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को आश्वस्त करते हुये कहा कि दस फरवरी से शुरू होने वाली ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (यूपीजीआईएस) के जरिये लाखों करोड़ रूपये का अभूतपूर्व निवेश न सिर्फ राज्य का चौंमुखी विकास करेगा बल्कि रोजगार के लाखों अवसर पैदा होने से युवाओं को नौकरी व्यवसाय के लिये अन्य देशों अथवा राज्यों का मुंह नहीं देखना पड़ेगा।

श्री योगी ने सोमवार को यहां जीएलए विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ग्लोबल इंन्वेस्टर्स समिट के जरिए होने जा रहा लाखों करोड़ का अभूतपूर्व निवेश हमारे युवाओं के लिए संभावनाओं के नये द्वार खोलेगा। प्रदेश में लाखों नौकरियां युवाओं का इंतजार कर रही हैं।

उन्होंने कहा “ राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के नौजवानों के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखकर बनाई गयी है। हम केवल डिग्री तक सिमट के ना रहें। हमें बहुआयामी सोच के साथ आगे बढ़ना होगा। शिक्षण संस्थान अपने भौगोलिक क्षेत्र का सामाजिक, आर्थिक और परंपराओं से जुड़ी गतिविधियों पर रिसर्च जरूर करें, जिससे उन क्षेत्रों में विकास कार्यों को और गति प्रदान की जा सके।

समारोह में उपाधियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होने कहा कि शिक्षण संस्थाओं को केंद्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी अपने पाठ्यक्रम में देना चाहिए। खासकर युवाओं और छात्रों से जुड़ी योजनाओं को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना चाहिए। अगर कोई छात्र स्टार्टअप स्थापित करना चाहता है, तो उसे पीएम मुद्रा योजना और मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के बारे में शिक्षण संस्थानों के लेवल पर ही जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने पीएम इंटर्नशिप, सीएम इंटर्नशिप और अभ्युदय जैसी योजनाओं के बारे में भी छात्र-छात्राओं को बताया।

उन्होने कहा कि पूर्व की सरकारों ने अगर यूपी में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र पर पहले ही ध्यान दिया होता तो आज प्रदेश तकनीकी कौशल का हब होता। प्रदेश में एमएसएमई का सबसे बड़ा बेस मौजूद है। यूपी में आज एक लाख साठ हजार करोड़ का एक्सपोर्ट प्रतिवर्ष हो रहा है। इस क्षेत्र में स्टार्टअप की बहुत बड़ी संभावनाएं हैं। मगर इसके लिए शिक्षण संस्थाओं को आगे आते हुए ट्रेनिंग देने का कार्य करना होगा। एक शिक्षण संस्था को दूसरे शिक्षण संस्था के साथ एमओयू करना चाहिए और एक दूसरे के साथ ज्ञान का आदान प्रदान हो सके।

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