उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश पोर्टस प्रोत्साहन दो अंतिम लखनऊ

सूत्रों के अनुसार ड्राई पोर्ट्स के विकास के लिए प्रदेश सरकार कई तरह की रियायतें प्रदान करेगी। प्रदेश में आईसीडी, सीफीएस, एएफएस परियोजना स्थापित करने के लिए क्रय की गई या पट्टे पर ली गई भूमि (न्यूनतम 10 वर्ष की अवधि हेतु) पर स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत की दर से छूट प्रदान की जाएगी। इसी तरह भू उपयोग परिवर्तन चार्ज में 75 प्रतिशत की रियायत प्रदान की जाएगी तो विकास शुल्क में 75 प्रतिशत की छूट मिल सकेगी। साथ ही इन परियोजनाओं को 60 प्रतिशत तक ग्राउंड कवरेज की भी अनुमति दी जाएगी। हालांकि ये सभी प्रस्तावित छूट समतुल्य धनराशि की बैंक गारंटी जमा करने पर ही अनुमन्य होंगी।

इसके अलावा पात्र पूंजी निवेश पर 25 प्रतिशत की दर से कैपिटल सब्सिडी प्रदान की जाएगी वहीं,नई परियोजनाओं या औद्योगिक इकाई को इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में 10 वर्ष की अवधि के लिए 100 प्रतिशत की दर से छूट मिलेगी। इसके अलावा प्रत्येक परियोजना को 5 वर्ष तक प्रति वर्ष अधिकतम 50 प्रशिक्षुओं की सीमा के अधीन 6 माह तक 1000 रुपए प्रति प्रशिक्षु प्रति माह के मानदेय की प्रतिपूर्ति के रूप में कौशल विकास सब्सिडी का भुगतान किया जाएगा। यदि ड्राई पोर्ट, एयर फ्रेट स्टेशन में पुलिस स्टेशन, चौकी बनाने की आवश्यक्ता पड़ती है तो इसकी स्थापना के लिए विकासकर्ता को संबंधित प्राधिकरण द्वार निशुल्क भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर में मुरादाबाद रेल लिंक्ड संयुक्त घरेलू एवं एक्जिम टर्मिनल, रेल लिंक्ड प्राइवेट फ्रेट टर्मिनल तथा कानपुर में इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी), दादरी टर्मिनल में आईसीडी कार्यरत है। राज्य को अंतरदेशीय जलमार्ग के करीब या किनारे विकसित किए जा रहे टर्मिनल्स तथा फ्रेट कॉरिडोर्स के करीब या किनारे मल्टी-मोडल टर्मिनलों का लाभ प्राप्त हो रहा है। दादरी में एक मल्टी मोडल लॉजिस्टिक्स हब (एमएमएलएच) एवं बोराकी (ग्रेटर नोएडा में मल्टी मोडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) भी विकसित किए जा रहे हैं, जिससे इस सेक्टर को और बढ़ावा मिलेगा। वाराणसी में 100 एकड़ क्षेत्र में भारत का प्रथम ‘फ्रेट विलेज’ विकसित किया जा रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के निर्यात केंद्रों को पूर्वी भारत के बंदरगाहों से जोड़ने वाला यह गांव इनबाउंड एवं आउटबाउंड कार्गो के लिए ट्रांस- शिपमेंट हब के रूप में कार्य करेगा।

सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में लॉजिस्टिक सेक्टर में निवेश के लिए विदेश की कई कंपनियां इच्छा जता चुकी हैं। कई निवेशकों के साथ इसको लेकर एमओयू पर भी हस्ताक्षर हुए हैं। खासतौर पर यूएई की कंपनी डीपी वर्ल्ड उत्तर प्रदेश के दादरी में लॉजिस्टिक और कॉर्गो के क्षेत्र में जॉइंट वेंचर स्थापित करने को लेकर निवेश पर सहमति जताई है। साथ ही उन्होंने कानपुर के करीब हाईवे और रेल कनेक्टिविटी वाली भूमि की भी मांग की है, ताकि बड़ा लॉजिस्टिक प्लांट स्थापित किया जा सके। जॉइंट वेंचर के तहत कंपनी को दो हजार एकड़ भूमि की आवश्यक्ता होगी। इस सेक्टर में निवेश से उत्तर प्रदेश में हजारों लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे।

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