उत्तर प्रदेश

झांसी: कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच 21 निगरानी समितियाें को किया गया सक्रिय

झांसी 16 अप्रैल : उत्तर प्रदेश के झांसी जिला प्रशासन ने देश और प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के एक बार फिर से बढ़ते प्रसार से निपटने के लिए गंभीर प्रयास शुरू करते हुए पूर्व में बनायी गयी 21 समितियों को फिर से पूरी गंभीरता के साथ सक्रिय किये जाने के निर्देश आज दिये।

जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने समितियों को निर्देश देते हुए कहा कि समितियों ने जिस तरह से पिछले वर्ष कोविड प्रसार को रोकने में सक्रिय भूमिका निभायी थी, इस लहर में भी उतनी ही तत्परता के साथ कार्य करें। समितियों का नेतृत्व प्रधान के द्वारा किया जाएगा। समिति झांसदस्य के रूप में लेखपाल, एएनएम, आशा, आंगनवाड़ी, युवल मंगल के सदस्य आदि लोग कार्य करेंगे। निगरानी समिति के द्वारा ग्राम, नगर व मोहल्लों में प्रवासी श्रमिकों व ग्राम/मोहल्ला के निवासियों के स्वास्थ्य की जानकारी के साथ उपलब्ध कराई गयी मेडिकल किट आदि की जानकारी संकलित करेंगे।

निगरानी के सदस्य ग्राम मोहल्ला में निवासित लक्षणयुक्त व्यक्तियों की चेकिंग और टेस्टिंग आदि के संबंध में जानकारी संकलित करते हुये लक्षणयुक्त व्यक्तियों पर विशेष निगरानी रखेंगे। निगरानी के सदस्य कोविड-19 की गाइडलाइन का पूर्णतः पालन करेंगे।
यदि निगरानी समितियां अपने उत्तरदायित्व का अक्षरसः पालन करेंगी तो हम संक्रमण को ग्रामीण क्षेत्र में फैलने से रोकने में सफलता अवश्य पाएंगे, उन्होंने ग्राम प्रधानों को निगरानी समितियों का नेतृत्व प्रदान करते हुए कहा कि आप इस महामारी के दौरान क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

विभिन्न सरकारी एवं निजी चिकित्सालय की ओपीडी तथा इंनडोर इकाइयों द्वारा संसूचित सभी लक्षण युक्त व्यक्ति जिसमें खांसी, बुखार अथवा सांस लेने में कठिनाई के लक्षण पाए गए हो की कोविड-19 हेतु जांच 24 घंटे के भीतर अनिवार्य रूप से करा ली जाए, कोविड-19 के लिए जनपद में स्थापित इंटीग्रेटेड कोविड कमाण्ड सेंटर पूर्ण क्षमता से संचालित हो। उन्होंने बैठक में आवश्यकतानुसार कोविड चिकित्सालयों को तत्परता से क्रियाशील करने हेतु आवश्यक उपकरण विशेषतः वेंटिलेटर, कन्सन्ट्रेटर एवं ऑक्सीजन प्लांट, लॉजिस्टिक दवाइयां एवं मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण से निपटने की तैयारियों की समीक्षा करते हुए उपस्थित समस्त निजी चिकित्सालय के संचालकों को अग्नि सुरक्षा बनाए रखने हेतु निर्देशित किया। निजी चिकित्सालय मानकों के अनुसार अग्नि सुरक्षा हेतु अपने प्रबंध सुनिश्चित कर लें और अग्नि सुरक्षा हेतु लगाए गए उपकरण क्रियाशील रहें। फायर लाइन को चिकित्सालय की छत पर रखी पानी की टंकी से जोड़ दिया जाए ताकि आकस्मिकता की स्थिति में आवश्यक प्रबंध किया जा सके। उन्होंने एनओसी विभाग से फायर एनओसी प्राप्त किए जाने के भी निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने समस्त निजी चिकित्सालयों के संचालक/प्रबंधक को को निर्देश देते हुए कहा कि चिकित्सालय भवन के बेसमेंट को झांसी विकास प्राधिकरण द्वारा पास किए हुए नक्शे के अनुसार जोकि पार्किंग स्थल के लिए पास किया गया है उसी के अनुसार उपयोग में लाया जाए, किसी अन्य प्रकार से उन्हें उपयोग में लाए जाने पर होगी कार्यवाही।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी मुख्य जुनैद अहमद, मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉ सुधाकर पांडेय, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ एनएस सेंगर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल एवं जिला महिला चिकित्सालय, अध्यक्ष एवं सचिव आई एम ए समस्त नोडल अधिकारी, कोविड मेजमेंट और टेक्निकल टीम, समस्त अधीक्षक एवं निजी चिकित्सालय के संचालक/ प्रबंधक एवं प्रभारी चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे।

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