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सरकार ने जोशीमठ संकट की अनदेखी की : भाकपा (मा-ले)

चमोली 22 जनवरी : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की राज्य कमेटी की टीम ने राज्य सचिव राजा बहुगुणा के नेतृत्व में रविवार को जोशीमठ के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने जोशीमठ को लेकर बार-बार दी गयी चेतावनियों को नजरअंदाज किया।

जोशीमठ भू-धंसाव क्षेत्र के निरीक्षण के बाद भाकपा (मा-ले) के राज्य सचिव राजा बहुगुणा ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा,“उत्तराखंड का ऐतिहासिक जोशीमठ नगर एक अभूतपूर्व गंभीर संकट में है। यह ऐसा संकट है जिसने इस महत्वपूर्ण शहर के अस्तित्व को ही खतरे में डाल दिया है। पर इस संकट से निपटने के लिए जिस तत्परता और तेजी की आवश्यकता है, राज्य सरकार की कार्रवाई नदारद है। इस संकट का एक पहलू यह भी है कि राज्य सरकार ने लगभग 14 महीने से इस संकट को लेकर जोशीमठ की जनता द्वारा दी जा रही चेतावनी को अनदेखा किया।”

उन्होंने कहा कि पहले राज्य सरकार ने आसन्न संकट को अनदेखा किया और अब वह संकट से बहुत धीमी गति से निपट रही है बल्कि संकट के आंकड़ों को छुपाने के लिए ‘इसरो’ समेत सभी संस्थाओं को आपदा की जानकारी जनता को दिए जाने तक पर रोक लगा दी गई है। तथ्यों को छुपाने से कुछ नहीं होगा, दरारें सामने आ चुकी हैं, जोशीमठ के धंसने की ‘इसरो’ की रिपोर्ट सार्वजनिक हो चुकी है। जोशीमठ कितना टिकेगा यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन मध्य हिमालय के इस संवेदनशील इलाके में यदि हल्का सा भी भूकंप आया तो उसके परिणाम विनाशकारी होंगे। राज्य के मुख्यमंत्री ने अभी तक भी इस संकट को गंभीरता से नहीं लिया है।

श्री बहुगुणा ने कहा कि मुख्यमंत्री नित नए प्रतिनिधियों को नियुक्त कर रहे हैं और पुराने प्रतिनिधि भागते जा रहे हैं जिसमें कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत भी शामिल हैं। इस आपात स्थिति में प्रधानमंत्री को सीधे हस्तक्षेप कर रेसक्यू ऑपरेशन को जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के साथ तालमेल करते हुए, सीधे अपने हाथ में लेकर, युद्ध स्तर पर राहत कार्य को अंजाम देना चाहिए। ताकि राहत कार्य में बना गतिरोध अविलंब दूर हो सके। अन्यथा भारी जानमाल के नुकसान को रोक पाना दुष्कर कार्य साबित होगा। अब जोशीमठ हेतु पूर्ण जवाबदेही केंद्र सरकार की तय होनी चाहिए।”

मा-ले राज्य सचिव ने कहा कि यह साबित हो चुका है कि जोशीमठ के हालात के लिए एनटीपीसी द्वारा बनाई जा रही तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना की टनल बनाने में किए जा रहे विस्फोट जिम्मेदार है।

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