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कैंसर के प्राकृतिक उपचार पर नयी पुस्तक का विमोचन

नयी दिल्ली, 13 अप्रैल : दु:साध्य रोगों का प्राकृतिक तरीके से उपचार करने वाले विशेषज्ञ डॉ विश्वरूप राय चौधरी ने गुरुवार को कहा कि निष्क्रिय कैंसर का आधुनिक चिकित्सा प्रणाली में कोई उपचार नहीं है बल्कि यह इस बीमारी का प्रसार करती है।

डॉ बीआरसी अस्पताल और एकीकृत चिकित्सा विज्ञान संस्थान (हिम्स) के सह-संस्थापक ने अपनी पुस्तक “रैबिट-टॉरटायज मॉडल फॉर कैंसर क्योर” को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में जारी करते हुए कहा, “ इस समय देश में कैंसर के जितने भी मरीज हैं उनको जागरुक करने की जरूरत है। एलोपैथिक या दूसरी जितनी भी प्रणालियां हैं, वे इंडोलेंट कैंसर (निष्क्रिय कैंसर) के मरीजों की संख्या इसलिए बढ़ा रही है, क्योंकि इनमें विभिन्न प्रकार के केमिकल और विभिन्न प्रकार की मशीनी प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिनसे हमारे शरीर की कोशिकाओं को जानबूझ कर नुकसान पहुंचाए जाता है।”

डॉ चौधरी ने कहा, “निष्क्रिय कैंसर का एलोपैथी प्रणाली से इलाज करने वाले डॉक्टर जानबूझ कर कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ा रहे हैं। ”

उन्होंने कहा कि ऐसे कैंसर के मरीजों को केवल एलोपैथिक चिकित्सा पर निर्भर करने के जोखिम से सावधान करने और कैंसर के प्राकृतिक उपचार के महत्व को समझाने की जरूरत है।

डायमंड बुक द्वारा प्रकाशित “रैबिट-टॉरटाॅयज मॉडल फॉर कैंसर क्योर” के इस विमोचन के अवसर पर अस्पताल श्रृंखला के संस्थापक आचार्य मनीष भी उपस्थित थे। इस पुस्तक में कैंसर के उपचार में प्राकृतिक उपचार, डाइट और जीवन शैली में परिवर्तन के प्रभावों को दर्शाया गया है। लेखक चिकित्सक का कहना है कि इस पुस्तक में कैंसर के उपचार के लिए प्राकृतिक पद्धतियों के प्रयोगों का साक्ष्य आधारित तौर-तरीके दर्शाए गए हैं।

डॉ चौधरी ने अपनी पुस्तक में बताया कि सभी लोगों को अपनी दिनचर्या में फल, सब्ज़ियां आदि प्राकृतिक आहारों को शामिल करना चाहिए, जिससे वे कैंसर जैसी घातक, जानलेवा और अब तक की लाइलाज बीमारी से मुक्त रह सकें।

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