मध्यप्रदेश में चार साल में 32 परिवारों ने की सामूहिक आत्महत्या
भोपाल, 13 मार्च : मध्यप्रदेश में पिछले चार साल में 32 परिवारों ने अपने अपनों सहित मौत को गले लगा लिया, इन मामलों में 39 बच्चों समेत 91 लोगों की जान चली गई।
विधानसभा में गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी के एक सवाल के लिखित जवाब में ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक जनवरी 2018 से 31 दिसंबर 2022 तक सामूहिक आत्महत्या के 32 मामले सामने आए है, जिनमें 20 पुरुषों, 32 महिलाओं और 39 बच्चों की मौत हुई है। इन सामूहिक आत्महत्या के कारणों में सबसे ज्यादा पारिवारिक कारण सामने आए हैं।
सामूहिक आत्महत्या के 23 मामले पारिवारिक कारणों से हुए हैं। इसके अलावा इसके पीछे बीमारी, दहेज प्रताड़ना, जमीनी विवाद, झूठे केस में फंसाना, कर्ज और गरीबी भी कारण बने हैं।
इसी सवाल के जवाब में डाॅ मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में दुष्कर्म के मामले में जेल जाने के बाद पुन: दुष्कर्म के मामलों की संख्या 76 है।
एक अन्य जानकारी में मंत्री ने बताया है प्रदेश में पिछले 10 साल में (एक जनवरी 2012 से 31 दिसंबर 2022 तक) कुल 60 हजार 170 महिलाएं दुष्कर्म का शिकार हुईं। इनमें अनुसूचित जाति की 15 हजार 433, अजजा की 15 हजार 383, पिछड़ा वर्ग की 18 हजार 484 और अल्पसंख्यक वर्ग की तीन हजार 3 महिलाएं शामिल थीं।