ऑस्ट्रेलिया का रक्षा विभाग चीनी सर्विलांस कैमरे हटाएगा
कैनबरा, 09 फरवरी : ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने गुरुवार को कहा कि देश का रक्षा विभाग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से संबंधित कंपनियों द्वारा निर्मित सर्विलांस कैमरों को अपनी इमारतों से हटाएगा।
सरकार ने कहा कि यह निर्णय अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा इसी प्रकार का कदम उठाने बाद लिया गया है।
एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई सरकार और एजेंसी कार्यालयों में चीनी कंपनियों हिकविजन और दहुआ द्वारा विकसित और निर्मित कम से कम 913 सर्विलांस कैमरे, इंटरकॉम, इलेक्ट्रॉनिक एंट्री सिस्टम और वीडियो रिकॉर्डर लगे हुए हैं।
ऑस्ट्रेलिया में चीनी दूतावास से अबतक कोई टिप्पणी प्राप्त नहीं हुई है लेकिन चीन की सामान्य प्रतिक्रिया अपनी उच्च तकनीक कंपनियों का बचाव करना है कि कंपनियां सभी स्थानीय कानूनों का पालन करती हैं और किसी प्रकार की खुफिया जानकारी इकत्र करने में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
अमेरिका ने कहा कि वह देश के संचार नेटवर्क की रक्षा करने के लिए हिकविजन और दहुआ सहित कई प्रमुख चीनी कंपनियों के दूरसंचार और वीडियो निगरानी उपकरणों पर प्रतिबंध लगा रही है।
ब्रिटिश सरकार ने भी नवंबर में हिकविजन द्वारा निर्मित सुरक्षा कैमरों को प्रतिबंधित कर दिया था।
ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने कहा कि उनका विभाग अपनी सभी सर्विलांस तकनीक का आकलन कर रहा है और जहां पर वे विशेष कैमरे पाए जाएंगे, उन्हें हटा दिया जाएगा।
एक जांच में पता चला कि कृषि विभाग, प्रधानमंत्री कार्यालय और कैबिनेट विभाग को छोड़कर लगभग सभी विभागों में हिकविजन और दहुआ सर्विलांस कैमरे और सुरक्षा उपकरण लगे हुए हैं।रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई युद्ध स्मारक और राष्ट्रीय विकलांगता बीमा एजेंसी ने भी कहा है कि वे अपनी साइटों से चीनी सर्विलांसकैमरों को हटाएंगी।
विपक्षी साइबर सुरक्षा प्रवक्ता जेम्स पैटरसन ने कहा कि उन्होंने प्रत्येक संघीय एजेंसी से छह महीने से ज्यादा समय तक सवाल पूछकर ऑडिट किया था क्योंकि गृह विभाग यह बताने में असमर्थ था कि सरकारी इमारतों में कितने सर्विलांसकैमरे, एक्सेस कंट्रोल सिस्टम और इंटरकॉम लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार को तत्काल एक योजना बनाने की आवश्यकता है जिससे सभी विभागों और एजेंसियों से इन उपकरणों को हटाया जा सके।श्री पैटरसन कहा कि दोनों कंपनियां चीनी राष्ट्रीय खुफिया कानून के अंतर्गत आते हैं, जिसके लिए उन्हें चीनी खुफिया एजेंसियों के साथ सहयोग करने की आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा,“ हमारे पास यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि इन उपकरणों द्वारा एकत्रित की गई संवेदनशील जानकारियां, चित्र और ऑडियो को ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के हितों के विरुद्ध चीन को गुप्त रूप से भेजा जा रहा है या नहीं।”