ईएचसी ने आजम स्वाति की जमानत याचिका पर किया नोटिस जारी
इस्लामाबाद 26 दिसंबर : इस्लामाबाद उच्च न्यायालय(ईएचसी) ने सोमवार को पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (पीटीआई) सीनेटर आजम खान स्वाति द्वारा विवादास्पद ट्वीट्स से संबंधित एक मामले में उनकी रिहाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य और संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) को नोटिस जारी किया।
श्री स्वाति को 27 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। एफआईए ने उनके खिलाफ इस्लामाबाद में ‘राज्य संस्थानों के खिलाफ डराने वाले अत्यधिक अप्रिय’ ट्वीट करने के आरोप मामला दर्ज किया था। यह दूसरा मौका था जब दो महीने से भी कम समय में श्री स्वाति को सेना के अधिकारियों के बारे में उनके ट्वीट करने पर एफआईए ने मामला दर्ज किया और गिरफ्तार किया।
सीनेटर स्वाति ने पिछले हफ्ते जमानत के लिए इस्लामाबाद की एक विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। विशेष न्यायाधीश सेंट्रल आजम खान ने हालांकि, यह फैसला सुनाते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी कि उन्होंने ‘दो बार एक ही अपराध किया है।’ श्री स्वाति ने इसके बाद विशेष अदालत के आदेशों को चुनौती देते हुए आईएचसी में अपने वकील बाबर अवान के माध्यम से गिरफ्तारी के बाद की जमानत याचिका दायर की।
याचिका में उन्होंने राज्य और इस्लामाबाद में एफआईए के साइबर क्राइम रिपोर्टिंग सेंटर में तकनीकी सहायक अनीसुर रहमान को प्रतिवादी के रूप में नामित किया है। एफआईए की आपराधिक शिकायत रहमान के माध्यम से दर्ज की गई थी। श्री स्वाति की याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान अवान आईएचसी के सामने पेश हुए। सुनवाई के दौरान, आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया और सुनवाई दो जनवरी (सोमवार) तक के लिए स्थगित कर दी।
अधिवक्ता अवान ने आईएचसी के बाहर मीडिया से बात करते हुए आईएचसी न्यायमूर्ति बाबर सत्तार द्वारा लिखे गए एक फैसले का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा कि केवल ट्वीट से सेना में विद्रोह नहीं हो सकता। साथ ही उन्होने प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करना के बाद अभी तक आरोप पत्र पेश नहीं करने के लिए भी अधिकारियों को फटकार लगाई। श्री स्वाति ने कहा कि कानून के मुताबिक अधिकारियों को मामला दर्ज करने के 17 दिनों के भीतर चालान तैयार करना होता है।
श्री अवान ने दावा किया, “लीक करने वाले विशेषज्ञ पीएम हाउस में बैठे हैं और प्रचार में लिप्त हैं।” उन्होंने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार खतरनाक स्तर तक गिर गया है तथा देश दिवालियापन की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि नागरिक वाणिज्यिक बैंकों से डॉलर की होल्डिंग वापस ले रहे हैं।”