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शहीद मनिंदर के पुत्र ने कहा, पापा की तरह वीर बनूंगा

अमृतसर, 19 नवम्बर : विश्व के सबसे ऊंचे एवं दुर्गम क्षेत्र हिमखंड ग्लेशियर में शहीद हुए सेना की 3 पंजाब रेजीमेंट के सेना मेडल विजेता नायक मनिंदर सिंह का तीसरा श्रद्धांजलि समारोह शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की की अध्यक्षता में शनिवार को राजासांसी में आयोजित किया गया, जिसमें उपायुक्त हरप्रीत सिंह सूदन बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए।

श्री सूदन ने इस मौके पर कहा कि हिम वीर नायक मनिंदर सिंह जैसे जांबाज सैनिकों के अमूल्य बलिदान का देश हमेशा कर्जदार रहेगा, जिन्होंने ग्लेशियर की बर्फीली चोटियों पर अपनी ड्यूटी को कर्तव्यपरायणता से निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति देकर देशवासियों को यह संदेश दिया कि एक सैनिक के लिए राष्ट्र सर्वोपरि होता है। उन्होंने कहा कि वह शहीद परिवारों के त्याग, हौंसले और संघर्ष के समक्ष नतमस्तक हैं जो अपनी सबसे बहुमूल्य दौलत देश पर कुर्बान करने के बाद भी समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन गर्व से सिर उठा कर जी रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश के हर नागरिक का यह फर्ज बनता है कि वह शहीदों के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए उनके सपनों को साकार कर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देकर उनकी सोच पर पहरा दें। यही आज के दिन पर मनिंदर जैसे शूरवीरों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा जिला प्रशासन सभी शहीद परिवारों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करने के लिए बचनबद्ध हैं तथा वह खुद को सौभाग्यशाली समझेंगे, अगर वह किसी शहीद परिवार के काम आ सकें। उन्होंने कहा वह शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के दिल से आभारी हैं, जो जगह-जगह इस तरह के समारोह आयोजित कर समाज में देशभक्ति की अलख प्रज्जवलित कर रहे हैं।

इस अवसर पर शहीद की पत्नी नायब तहसीलदार अकविंदर कौर, पुत्र एकमजोत सिंह, ससुर जगतार सिंह, कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ की पत्नी सुरिंदर कौर, एडीसी सुरिंदर सिंह, एसडीएम हरकंवल सिंह, तहसीलदार नवकीरत सिंह, नायब तहसीलदार अर्चना शर्मा, बीडीपीओ सितारा सिंह, शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह, शहीद लांसनायक संदीप सिंह शौर्य चक्र की पत्नी एजुकेशन पंचायत अफसर गुरप्रीत कौर, मुंबई से प्रतिभा, 9 पंजाब रेजीमेंट के नायब सूबेदार कुलदीप सिंह आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने कहा कि पारिवारिक संस्कारों से ही पैदा होता है, शहादत का जज्बा, इन पंक्तियों को नायक मनिंदर ने सही मायनों में चरितार्थ कर दिखाया, क्योंकि उनके पिता नायक सुखदेव सिंह ने भी 1992 में देश की सुरक्षा में दुश्मन से लड़ते हुए वीरगति प्राप्त की थी तथा इसी बलिदानी पिता की शूरवीरता और अदम्य साहस से प्रेरित मनिंदर में भी वतन पर कुर्बान होने का जज्बा कूट-कूट कर भरा हुआ था। परिवार की गौरवमयी शहादतों की परंपरा को तीन साल पहले मनिंदर ने भी अपने प्राणों की आहुति देकर कायम रखा। आज सारा देश इस बलिदानी परिवार के समक्ष नतमस्तक है।

कुंवर विक्की ने कहा कि नायक मनिंदर सिंह एक बहादुर कमांडो था, जिसने 29 वर्ष की अल्पायु में राष्ट्र की सुरक्षा में अपना बलिदान देकर अपना सैन्य धर्म निभाते हुए देशवासियों को यह संदेश दिया कि जिंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए। इसीलिए एक सैनिक को सच्चा संत सिपाही कहा गया है जिसका एक ही धर्म होता है, इंसानियत जिसकी सुरक्षा में वह अपने प्राणों की बाजी लगा असली हीरो का किरदार निभा जाता है।

समारोह में शामिल हर आंख उस समय नम हो उठी, जब शहीद पिता मनिंदर को सैल्यूट करते हुए उनके आठ साल के पुत्र एकमजोत ने कहा, “ मुझे अपने पापा को खोने का दुख तो बहुत है, मगर उनकी शहादत पर गर्व भी है कि मुझे आज लोग एक शहीद के बेटे के नाम से जानते हैं। एकमजोत ने कहा कि मैं भी अपने पापा की तरह एक बहादुर फौजी बनकर उनके सपनों को साकार करूंगा। ”
कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ की पत्नी सुरिंदर कौर ने कहा नायक मनिंदर सिंह जैसे बहादुर सैनिकों की बदौलत की आज देश की सीमाएं महफूज हैं। उन्होंने कहा कि शहीद मनिंदर सिंह के बलिदान को शाश्वत रखने के लिए उनकी स्मृति में एक यादगार स्मारक बनाया जायेगा ताकि हमारी युवा पीढ़ी उनके बलिदान से प्रेरणा ले सके।

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