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स्वराज आश्रम को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं, न्यायमित्र अधिवक्ता देंगे रिपोर्ट

नैनीताल, 17 अप्रैल : उत्तराखंड के हल्द्वानी में कांग्रेस के स्वराज आश्रम को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं हुई है। मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने सोमवार को न्यायमित्र अधिवक्ता गोपाल के. वर्मा को मौके का निरीक्षण कर चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

दरअसल हल्द्वानी के मटर गली में नजूल भूमि पर एक व्यायामशाला मौजूद है। व्यायामशाला का प्रबंधन एवं नियंत्रण हल्द्वानी नगर निगम के हाथ में है। इसका निर्माण स्थानीय स्तर पर खेल को बढ़ावा एवं खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से किया गया था।
व्यायामशाला की भूमि पर कथित रूप से कई लोगों ने कब्जा कर रखा है। इस भूमि पर कांग्रेस पार्टी का स्वराज आश्रम एवं एक होटल भी मौजूद है। पत्र में कहा गया कि सफेदपोश लोगों व बिल्डरों की ओर से भूमि को खुर्द बुर्द किया जा रहा है।

व्यायामशाला समिति के पदाधिकारी मंगतराम गुप्ता ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर अतिक्रमित भूमि को खाली कराने व व्यायामशाला के अस्तित्व को बचाने की मांग की। अदालत ने पत्र पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इस प्रकरण में पिछले साल जनहित याचिका दायर कर ली थी।

इस मामले पर आज सुनवाई हुई। न्यायमित्र अधिवक्ता की ओर से जिलाधिकारी की ओर से पेश रिपोर्ट व शपथ पत्र पर आपत्ति दर्ज की गयी और कहा कि रिपोर्ट में अतिक्रमण को लेकर स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं की गयी है।

रिपोर्ट में मात्र कुछ दुकानों को खाली कराने की बात कही गयी है जबकि स्वराज आश्रम एवं होटल के संदर्भ में कुछ नहीं कहा गया है। इसके बाद अदालत ने न्यायमित्र अधिवक्ता को स्वयं मौका का मुआयना कर चार सप्ताह में फोटाग्राफ के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।

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