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रूस-बेलारूस सैन्य सहयोग पर अमेरिकी टिप्पणी ‘पाखंड’ : रूसी राजदूत

वाशिंगटन 28 मार्च : अमेरिका में रूसी राजदूत एनाटोली अन्तोनफ़ ने मंगलवार को कहा कि रूस-बेलारूस परमाणु हथियार सहयोग पर हाल ही में अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा की गई टिप्पणी अमेरिकी नीति के पाखंड का एक ज्वलंत उदाहरण हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रधान उप-प्रवक्ता वेदांत पटेल ने सोमवार को रूस-बेलारूस सहयोग पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि मास्को द्वारा यूरोप की रणनीतिक स्थिरता को कमजोर किया रहा है और हथियार नियंत्रण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
रूसी दूतावास के बयान के अनुसार, श्री एनाटोली ने एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिकी अधिकारियों की याददाश्त बहुत कम है। यह वाशिंगटन है जो लंबे समय से रणनीतिक क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों के कानूनी आधार को नष्ट कर रहा है। जहां तक सैन्य-परमाणु क्षेत्र में रूस-बेलारूस सहयोग पर रूसी राष्ट्रपति के बयानों पर श्री पटेल की टिप्पणी का सवाल है तो यह अमेरिकी राजनीति के पाखंड का एक ज्वलंत उदाहरण है।

रूसी राजदूत ने कहा कि वाशिंगटन पांच गैर-परमाणु देशों, अर्थात् बेल्जियम, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड और तुर्की में सामरिक परमाणु हथियारों की तैनाती का समर्थन करता है और नाटो में यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस के साथ परमाणु नीति का समन्वय करता है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 25 मार्च को कहा था कि मास्को और मिन्स्क के बीच बेलारूस में रूस के सामरिक परमाणु हथियारों की तैनात के लिए सहमत बनी है लेकिन उससे परमाणु हथियारों के अप्रसार के प्रति रूस की प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन नहीं होता है। श्री पुतिन ने कहा कि रूस अपने परमाणु हथियारों को बेलारूस को हस्तांतरित नहीं कर रहा है लेकिन वही कर रहा है जो अमेरिका दशकों से करता चला आ रहा है जो कि अपने सहयोगी देशों के क्षेत्रों में अपने सामरिक परमाणु हथियारों की तैनाती और हथियारों को संचालित करने के लिए अपने चालक दल का प्रशिक्षण है।

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