विश्व

जी-20 को वैश्विक बदलाव का उत्प्रेरक बनाएंगे: मोदी

बाली 16 नवंबर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन के समापन के अवसर पर वर्ष 2022-23 के लिए विश्व के आर्थिक रूप से समर्थ 20 देशों के इस शक्तिशाली समूह की अध्यक्षता ग्रहण की और कहा कि भारत समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और परिणामोन्मुखी नेतृत्व के साथ जी-20 को नए विचारों की परिकल्पना और सामूहिक प्रयासों को गति देकर वैश्विक बदलाव का उत्प्रेरक बनाने का प्रयास करेगा।

समापन समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने अंत में अध्यक्षीय काठ का हथौड़े ठोक कर जी-20 के शिखर सम्मेलन के समापन की घोषणा की और फिर दाहिनी ओर बैठे प्रधानमंत्री श्री मोदी से मुखातिब हुए। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाये और श्री विडोडो ने अध्यक्षीय हथौड़ा श्री मोदी को सौंपा। श्री मोदी ने गर्व एवं प्रसन्नता के साथ उसे ग्रहण किया और इस प्रकार से जी-20 की अध्यक्षीय कमान भारत को प्राप्त हुई। भारत एक दिसंबर से औपचारिक रूप से जी-20 का अध्यक्षीय कार्यकाल शुरू करेगा।

भारत के लिए जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के अवसर पर अपने संबोधन में श्री मोदी ने मेजबान राष्ट्रपति श्री विडोडा की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने इस कठिन समय में जी-20 को कुशल नेतृत्व दिया है। श्री मोदी ने जी-20 समुदाय को बाली घोषणापत्र के अनुमोदन के लिए बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान इंडोनेशिया की सराहनीय पहल को आगे बढ़ाने का प्रयत्न करेगा। भारत के लिए यह अत्यंत शुभ संयोग है कि हम जी-20 अध्यक्षता का दायित्व इस पवित्र द्वीप बाली मे ग्रहण कर रहे हैं। भारत और बाली का बहुत ही प्राचीन रिश्ता है।

उन्होंने कहा, “भारत जी-20 का जिम्मा ऐसे समय ले रहा है जब विश्व भूराजनीतिक तनावों, आर्थिक मंदी, खाद्यान्न और ऊर्जा की बढ़ी हुई कीमतों, और महामारी के दीर्घकालीन दुष्प्रभावों से एक साथ जूझ रहा है। ऐसे समय, विश्व जी-20 की तरफ आशा की नजर से देख रहा है। आज मैं यह आश्वासन देना चाहता हूँ कि भारत की जी-20 अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और परिणामोन्मुखी होगी।”

उन्होंने कहा कि अगले एक साल मे हमारा प्रयत्न रहेगा कि जी-20 नए विचारों की परिकल्पना और सामूहिक एक्शन को गति देने के लिए एक ग्लोबल प्राइम मूवर की तरह काम करे। प्राकृतिक संसाधनों पर मालिकाना हक का भाव आज संघर्ष को जन्म दे रहा है और पर्यावरण की दुर्दशा का मुख्य कारण बना है। पृथ्वी के सुरक्षित भविष्य के लिए न्यासी का भाव ही समाधान है। इसमें लाइफ यानि ‘पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली’ अभियान एक बड़ा योगदान दे सकता है। इसका उद्देश्य सतत जीवनशैली को एक जन-आंदोलन बनाना है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आज आवश्यकता है कि विकास के लाभ सर्व-स्पर्शी और सर्व-समावेशी हों। हमें विकास के लाभों को मम-भाव और सम-भाव से मानव-मात्र तक पहुंचाना होगा। वैश्विक विकास महिलाओं की भागीदारी के बिना संभव नहीं है। हमें अपने जी-20 के एजेंडा में महिला नीत विकास पर प्राथमिकता बनाए रखनी होगी। बिना शांति और सुरक्षा, हमारी आने वाली पीढ़ियाँ आर्थिक वृद्धि या तकनीकी नवोन्मेष का लाभ नहीं ले पायेगी। जी-20 को शांति और सौहार्द के पक्ष मे एक दृढ़ संदेश देना होगा। यह सभी प्राथमिकताएं, भारत की जी-20 अध्यक्षता की थीम – ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ में पूर्ण रूप से समाहित हैं।

उन्होंने कहा, “जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करना हर भारतीय के लिए गर्व का अवसर है। हम देश के विभिन्न शहरों और राज्यों मे, जी-20 की बैठकें आयोजित करेंगे। हमारे अतिथियों को भारत की अद्भुतत विविधता, समावेशी परंपराओं, और सांस्कृतिक समृद्धि का पूरा अनुभव मिलेगा। हमारी कामना है कि आप सभी ‘लोकतंत्र के जनक’ भारत में इस अद्वितीय उत्सव में सहभागी होंगे। साथ मिल कर हम जी-20 समूह को वैश्विक बदलाव का उत्प्रेरक बनाएंगे।”

श्री मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन के समापन समारोह के बाद सिंगापुर, जर्मनी, इटली, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया एवं ब्रिटेन के नेताओं के साथ अलग अलग द्विपक्षीय बैठक करेंगे। वह अमेरिका के राष्ट्रपति जोसेफ आर बिडेन, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति श्री विडोडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों से पहले ही मुलाकात कर चुके हैैं।

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