जीएआरपीएफ संयंत्र से अमेरिका में आमों के निर्यात में मिलेगी मदद
गांधीनगर 20 जुलाई : गुजरात में अहमदाबाद ज़िले के बावला में गुजरात एग्रो रेडिएशन प्रोसेसिंग फ़ैसिलिटी (जीएआरपीएफ) जो की गुजरात सरकार का उद्यम है इसे यूएसडीए-एपीएचआईएस की स्वीकृति के बाद अब सीधे गुजरात से अमेरिका में आमों के निर्यात में काफ़ी मदद मिलेगी।
सरकारी सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार ने अपनी उपलब्धियों में एक नए पंख को जोड़ लिया है। यूएसडीए-एपीएचआईएस द्वारा इस स्वीकृति के बाद अब सीधे गुजरात से अमेरिका में आमों के निर्यात में काफ़ी मदद मिलेगी।
नेशनल प्लांट प्रोटेक्शन ऑर्गनाइज़ेशन (एनपीपीओ) की सहायता से यूएसडीए-एपीएचआईएस टीम ने जीएआरपीएफ का ऑडिट किया और ऑडिट के बाद यूएसडीए-एपीएचआईएस ने गत दो जुलाई 2022 को बावला में संयंत्र को मंजूरी दी है। आम और अनार के निर्यात के लिए यूएसडीए-एपीएचआईएस अनुमोदन प्राप्त करने वाला यह गुजरात का पहला संयंत्र है। मानदंडों के अनुसार अमेरिका को निर्यात करने से पहले आमों का विकिरण करना अनिवार्य है। विकिरण प्रक्रिया अमेरिका के संगरोध निरीक्षकों की देखरेख में की जाती है।
गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीज़ कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जीएआईसी) ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाय) के तहत अहमदाबाद ज़िले के बावला में वर्ष 2014 में 20 करोड़ रुपए की लागत से कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के लिए 1,000 किलो-क्यूरी (केसीआई) मल्टीपर्पज़ स्प्लिट टाइप, पैलेटाइज़्ड रेडिएशन प्रोसेसिंग फ़ैसिलिटी की स्थापना की थी। यह सुविधा भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) और विकिरण एवं आइसोटोप प्रौद्योगिकी बोर्ड (बीआरआईटी) के मार्गदर्शन व तकनीकी सहायता के साथ लागू की गई थी।
यह भारत में एकमात्र ऐसा प्लांट है जहाँ प्याज, आलू, अनाज, दालों, साइलियम हस्क, पालतू जानवरों के भोजन पदार्थों, मांस, मसालों, निर्जलित प्याज/सूखी सब्जियों, मुर्गी, अंडों और चिकित्सा उत्पादों आदि को आवश्यकता के अनुसार निम्न, मध्यम और उच्च विकरिणित करने की सुविधा है।