सरसों,आलू की फसल पर पाले की मार, किसानों की विशेष गिरदावरी की मांग
सिरसा 21 जनवरी : हरियाणा के सिरसा में पिछले कई दिनों से पड़ रही पाले का जनमानस पर प्रभाव है, वहीं सरसों और आलू की फसल पर भी इसका गंभीर असर माना जा रहा है। पाले की मार से फसल उत्पादन प्रभावित हो सकता है, जिससे किसान चिंतित है।
फसल पर पाले के प्रभाव को लेकर शनिवार को जिला मुख्यालय पर चल रही किसानों के अनिश्चितकालीन धरना स्थल पर भी चिंतन हुआ और फैसला लिया गया कि राज्य सरकार पाली के प्रभाव से खराब हुई फसल का मुआवजा प्रदान करे। इस सिलसिले में भारतीय किसान एकता (बीकेई) के बैनर तले जिला के किसान मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सोमवार को जिला उपायुक्त को सौंपेंगे।
बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह औलख ने बताया कि एक तो पहले से ही साल 2020 की फसल का 258 करोड़ रुपए जारी करवाने किसान लघु सचिवालय में धरने पर बैठे हैं। ऊपर से किसान की आने वाली फसलें सरसों, आलू सहित अन्य फसलें कुदरत के कहर से बर्बाद हो गई है। जिसकी विशेष गिरदावरी करवाने के लिए आगामी 23 जनवरी को किसान उपायुक्त से मिलकर मुख्यमंत्री हरियाणा के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
धरनारत किसान दिन में स्टेज लगाकर सरकार के प्रति अपना रोष प्रकट करते हैं और रातें ट्रालियों में गुजारने को मजबूर हैं। चोरों के हौंसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि रातों को ट्रालियों में किसानों के होते हुए भी बीती रात एक किसान की ट्राली से उसका फोन चोरी कर ले गए।
बीकेई प्रधान औलख ने चोरी की इस वारदात का जिम्मेवार जिला प्रशासन को ठहराते हुए कहा कि जिस दिन से हमने यहां मोर्चा लगाया है, उसी दिन से डीसी को ज्ञापन के माध्यम से अन्य मूलभूत सुविधाओं के साथ यह मांग भी रखी थी कि रात को मोर्चे या ट्रालियों से कोई चोरी की घटना न हो ।
फरवाही कला के किसान हरदेव सिंह व बलदेव सिंह, ने बताया उन्होंने 20 एकड़ में आलू फसल की बुवाई की हुई है जिसमें से 11 एकड़ में पाले के कारण 50 फ़ीसदी से अधिक नुकसान हो गया है। किसान संजय गनेरी वाला ने बताया कि उन्होंने 18 एकड़ में आलू फसल की बुवाई की हुई है जिसमें से सात एकड़ में फसल खराब हो गई है। उन्होंने शासन व प्रशासन से मांग की है की फसल की विशेष गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिया जाए। आलू फसल को ठेके पर लेने वाले मजदूर दलिप व संतोष ने बताया कि उन्होंने आधे हिस्से पर फसल ली हुई है। पर इस नुकसान के बाद खर्चे की भरपाई पूरा होना भी नहीं दिखाई दे रहा।
जब इस संदर्भ में उप कृषि निदेशक बाबूलाल से बात की गई तो बताया कि उन्होंने मातहत अधिकारियों को रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि कितना नुकसान है।