कोच्चि में 2-4 फरवरी को 10वें आईएमआरसी का आयोजन
नयी दिल्ली 27 जनवरी : केरल में इंडियन मटेरियल रिसाइकलिंग कॉन्फ्रेंस (आईएमआरसी) 2023 के 10 वें संस्करण 10वाँ आईएमआरसी2023 का कोच्चि में दो से चार फरवरी तक आयोजन किया जायेगा जिसका केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी शुभारंभ करेंगे।
ग्लोबल रिसाइकलर्स की अब तक की सबसे बड़ी बैठक में 450 विदेशी प्रतिनिधियों सहित 1800 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। “चक्रीय अर्थव्यवस्था पार्क गठन हेतु रिसाइकलिंग पॉलिसी नीतिगत ढांचे” की आवश्यकता के लिए इस परिसंवाद में एक गहरी अंतर्दृष्टि का निर्माण होगा जो एक अनुकूल इकोसिस्टम तैयार करेगी और जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटेगी।
इस प्रकार के पॉलिसी का नीतिगत ढांचा निश्चित रूप से रिसाइकलिंग के दर को अधिकतम करने, प्राकृतिक संधानों की रक्षा करने, पर्यावरण प्रदूषण को न्यूनतम करने, कमज़ोर समुदायों में महिलाओं के लिए ज़्यादा रोज़गार के अवसरों का निर्माण करने और साल 2070 तक कार्बन तटस्थता की भारत की प्रतिबद्धता के संवहनीय विकास लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा।
इसमें इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंदिया, नीति आयोग के सीईओ परमेश्वरन अय्यर के साथ ही इस्पात मंत्रालय, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के अन्य अधिकारी इस कॉन्फ्रेंस के महत्वपूर्ण वक्ता होंगे।
भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में लौह, अलौह, चक्रीय अर्थव्यवस्था, प्लास्टिक, ई-कचरा, टायर रिसाइकलिंग, बैटरी रिसाइकलिंग जैसी विषयों के विभिन्न पहलूओं पर इस कॉन्फरेंस में ध्यान केंद्रित किया जाएगा जिससे दुनिया में मटेरियल रिसाइकलिंग पर एक विस्तृत औद्योगिक चालित जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
एमआरएआई के अध्यक्ष संजय मेहता ने कहा, “पर्यावरण को लेकर प्रमुख चिंताओं और निर्णय लेने के सभी स्तरों पर कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए भारत और सरकार को चेतावनी के कई संकेत मिले हैं। विश्व के दूसरे सबसे बड़े स्टील निर्माता के तौर पर भारत को एक ज़िम्मेदार स्टील निर्माता बनना होगा और इसलिए आगामी वर्षों में स्क्रैप के उपयोग में हम वृद्धि का अनुमान कर रहे हैं। मुख्य स्टील इंडस्ट्री वार्षिक आधार पर कुल कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) उत्सर्जन के करीब 8% के लिए ज़िम्मेदार है जबकि भारत में सभी सीओ2 उत्सर्जन के 12 प्रतिशत के लिए यह इंडस्ट्री ज़िम्मेदार है।”
इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में एक से अधिक पैनल चर्चाओं का आयोजन किया जाएगा और इन विषयों में शामिल हैं प्लास्टिक रिसाइकलिंग ईपीआर पॉलिसी और बीआईएस मानक, टायर रिसाइकलिंग में पॉलिसी का नीतिगत ढांचा और तकनीकी प्रगति, ई-कचरा व्यवस्थापन नियम 2022 एवं ई-कचरा रिसाइकलिंग में चक्रीय अर्थव्यवस्था, बैटरी अपशिष्ट व्यवस्थापन नियम 2022, विज़न 2030: द्वितीयक स्टील सेक्टर संभावनाएं एवं चुनौतियां, ग्लोबल स्क्रैप व्यापार: नीतियों का शिकार?, अलौह उद्योग: ;चुनौतियाँ और अवसर, चक्रीय अर्थव्यवस्था पार्क पॉलिसी – निवेश और अवसर इत्यादि।
“इसके साथ ही एमआरएआई सरकार से सरकारी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में द्वितीयक स्टील के उपयोग में वृद्धि करने, चक्रीय अर्थव्यवस्था रिसाइकलिंग पार्क और इसके उचित कार्यान्वयन के लिए घोषणा करने का आग्रह करती है जिसे 2023 में महत्व प्राप्त होगा। संवहनीय विकास और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के हिसाब से यह महत्वपूर्ण है कि रिसाइकलिंग पर स्पष्ट रूप से ध्यान केंद्रित किया जाए और उद्योग क्षेत्र में मज़बूत प्रोत्साहन दिया जाए,” श्री मेहता ने आगे जोड़ते हुए कहा।
केंद्रीय बजट 2023-24 से पहले मटेरियल रिसाइकलिंग असोसिएशन ऑफ इंडिया ने सरकार के सामने अपने इच्छा-सूची को प्रमुखता से पेश किया है और उद्योग के विकास को बढ़ाने के लिए नीतिगत उपायों के साथ मूलभूत आयात शुल्क और करों को हटाने की मांग की है।
वैश्विक मेटल रिसाइकलिंग मार्केट साल 2021 में बढ़कर 219.8अरब डॉलर हो गया है। 2021-2027 के दौरान 5.46 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर प्रदर्शित करते हुए साल 2027 तक वैश्विक बाज़ार के 302.4 अरब डॉलर के स्तर तक पहुँचने का अनुमान है। ट्रक, कार, जहाज़, हवाईजहाज़, रेल्वे, कन्ज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू वस्तुओं के निर्माण में धातुओं के उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि उन प्रमुख कारकों में से एक का प्रतिनिधित्व करता है जो सारे विश्व में धातु रिसाइकलिंग की मांग को बढ़ाने का काम कर रहा है।
इस साल के ट्रेंड को देखते अगले 12 महीनों में ईलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री हर महीने 100,000 से भी अधिक हो सकती है लेकिन बैटरी रिसाइकलिंग एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। हाल ही में किए गए अध्ययन ने इस बात को प्रमुखता से दर्शाया है कि ज़्यादातर भारतीय गाँवों में अपशिष्ट व्यवस्थापन इन्फ्रास्ट्रक्चर मौजूद नहीं है जो आने वाले वर्षों में रिसाइकलिंग क्षेत्र के लिए एक संभाव्य बाज़ार है। इस प्रकार एमआरएआई का 10वां आईएमआरसी रिसाइकलिंग बाज़ार को सीखने और समझने का और भविष्य में आने वाली चुनौतियों और अवसरों को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई करने का अवसर प्रदान करता है।