भूपेश ने केन्द्रीय बजट को बताया निराशाजनक,रमन ने सराहा
रायपुर, 01 फरवरी: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज पेश किए गए केन्द्रीय बजट को निराशाजनक करार दिया हैं जबकि पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा.रमन सिंह ने इसे देश को प्रगति के पथ पर ले जाने वाला करार दिया हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बजट पर यहां जारी अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि इसे निर्मला जी का निर्मम बजट कहा जा सकता है, न इसमें युवाओं के लिए कोई सुविधा है, न किसानों की आय दोगुना करने की बात है, न महिलाओं के लिए है, न अनुसूचित जनजातियों के लिए और ना ही अनुसूचित जातियों के लिए कुछ है। ये बजट केवल चुनाव को देखते हुए बनाया गया बजट है।
उन्होने रेलवे के लिए दो लाख 35 हजार करोड़ रूपए बजट में रखे जाने पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि क्या ये कर्मचारियों के लिए है, या नई भर्ती के लिए है, या ऐसा तो नहीं है जैसे एयरपोर्टों को बेचने से पहले सैकड़ों हजारों करोड़ नवीनीकरण के लिए लगा दिया गया और उसके बाद निजी हाथों में बेचा गया। इसी प्रकार की सोच तो नहीं है केन्द्र सरकार की। पहले चकाचक कर दिया जाए, फिर निजी हाथों में बेचा जाए।
श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए भी हम लोग उम्मीद कर रहे थे कि अम्बिकापुर से चलने वाली ट्रेन मिलेगी, जगदलपुर के लिए भी ट्रेन की व्यवस्था होगी। लेकिन कोई व्यवस्था नहीं हुई। महंगाई और बेरोजगारी को कम करने की कोई व्यवस्था नहीं है। नए लोगों को कैसे रोजगार मिलेगा, इसमें कुछ नहीं है। जितनी भी खाद्य सामग्री है, वो महंगी हो गई है। बजट में श्री अन्न की बात कही गई, कोदो-कुटकी, सांवा तक की बात कही गई, लेकिन इसकी एमएसपी भारत सरकार ने आज तक घोषित नहीं की और समर्थन मूल्य पर खरीदने की भी कोई बात किसानों के लिए नहीं कही गई। यह बजट निराशाजनक है।
पूर्व मुख्यमंत्री डा.सिंह ने यहां पत्रकारों से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बजट को 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का रोड मैप करार दिया।उन्होने कहा कि इस बजट में मध्यमवर्गीय लोगो को टैक्स में राहत देकर उनका पूरा ध्यान रखा गया हैं।उन्होने कहा कि कुल बजट की 33.4 प्रतिशत राशि पूंजीगत व्यय के लिए रखी गई है।इस 10 लाख करोड़ रूपए की राशि अद्योसंरचना विकास में खऱ्च होगी जिससे नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
उन्होने कहा कि बजट में कर राजस्व के 23 लाख करोड़ रूपए पार कर जाने की उम्मीद हैं जोकि देश के लिए काफी हितकारी हैं।उन्होने राज्यों को जीएसडीपी के साढ़े प्रतिशत तक ऋण लेने की छूट दिए जाने के निर्णय का भी स्वागत किया और कहा कि वर्ष 2013-14 तक जहां भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में 10वें स्थान पर थी वह अब पांचवे स्थान पर पहुंच गई हैं।उन्होने टैक्स स्लैब में कमी की भी सराहना की।