उत्तर प्रदेश लीड योगी आयुर्वेद दो अंतिम मेरठ
मुख्यमंत्री ने कहा “ दो वर्ष पहले बीएएमएस के 100 बच्चों को सीएम आवास पर आमंत्रित कर बातचीत की। मैंने पूछा कि चिकित्सक बनने के लिए आयुर्वेद ही क्यों चुना। 94 बच्चों ने बताया कि हमारी रूचि एलोपैथ में थी, लेकिन वहां प्रवेश नहीं हुआ तो यहां प्रवेश ले लिया। चार ने कहा कि हमारी रुचि आयुर्वेद में है। दो ने कहा कि हमारे माता-पिता इसके विशेषज्ञ है, इसलिए हम इससे जुड़े। मैं किसी चिकित्सा पद्धति का विरोधी नहीं हूं। कोरोना के दौरान परंपरागत चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद की महत्ता को सभी ने मान लिया। बीएएमएस डॉक्टर चाहें तो हेल्थ व वेलनेस सेंटर को योग, प्राकृतिक चिकित्सा के साथ जोड़कर अच्छे ढंग से चला सकते हैं। बीएएमएस डॉक्टर अन्नदाता किसानों के लिए एफपीओ का गठन करके मेडिसिनल प्लांट की खेती कराकर हजारों किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने में योगदान दे सकता है। यहां डिग्री एक, उपयोग अनेक हैं। ”
उन्होने कहा कि यूपी आयुर्वेद की धरती है। आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वतंरि की धरती है। उन्होंने देवता व राक्षसों का भी उपचार किया था। सभी को आयुष का वरदान दिया था। डबल इंजन आपके साथ जुड़ गया है तो इस पद्धति को और तेजी से उड़ान भरने की आवश्यकता है। किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की धरा पर इस आयोजन और उनके नाम वाले इस विश्वविद्यालय को कल ही नैक मूल्यांकन में ए डबल प्लस की ग्रेडिंग मिली है। आज आयुर्वेद का सम्मेलन यह गवाही दे रहा है कि जैसे विश्वविद्यालय ने उत्कृष्ट ग्रेडिंग लेकर खुद को साबित किया है, वैसे ही आयुर्वेद भी उत्कृष्टता को साबित करेगा।
श्री योगी ने कहा कि मेऱठ भारत के इतिहास की धऱती है। महाभारत के रचनाकार वाली धरती है। मेरठ से कुछ दूरी पर स्थित हस्तिनापुर ने महाभारत की नींव रखी और नए इतिहास का सृजन किया था। आने वाली पीढ़ी को धरोहर दी थी। विशेष उद्घोषणा भी की थी धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन चार मानवीय पुरुषार्थ से संबंधित जो कुछ भी है, वह इस ग्रंथ में है। जो इसमें नहीं, अन्यत्र कहीं नहीं का उद्घोष करने वाली यह धऱती है। देश की आजादी के प्रथम स्वतंत्र समर की उद्घोषणा करने वाली क्रांति धरा है। यहां के अन्नदाता किसानों के पुरुषार्थ की धऱा भी है।
कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण, राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी, सांसद राजेंद्र अग्रवाल, सत्यपाल सिंह, कांता कर्दम, विजय पाल सिंह तोमर, प्रदेश सरकार के मंत्री सोमेंद्र तोमर, दिनेश खटिक आदि मौजूद रहे।