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गरीब, जरूरतमंदों का सरकार पर पहला हक: खट्टर

चंडीगढ़, 09 अप्रैल: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को कहा कि सरकार पर पहला हक गरीब और जरूरतमंदों का है तथा इनके कल्यार्ण के लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है।

श्री खट्टर आज ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ऐसे परिवारों से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि सरकार कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाना सुनिश्चित कर रही है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि परिवार पहचान पत्र में आय से सम्बंधित त्रुटियों के कारण जिन परिवारों के राशन कार्ड कट गए थे, उनमें से 2.30 लाख परिवारों के राशन कार्ड दोबारा बनाये गए हैं।

संवाद कार्यक्रम के दौरान लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि सरकार की पारदर्शी नीति से पात्र नागरिक को योजनाओं का लाभ मिल रहा है। लाभार्थियों ने कहा कि राशन कार्ड कटने की शिकायत दर्ज कराने पर जिस प्रकार त्वरित कार्रवाई कर उनके राशन कार्ड दोबारा बनाये गए, उससे सरकार की नागरिकों के प्रति जवाबदेही और संवेदनशीलता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि जो परिवार आर्थिक रूप से संपन्न हो जाएं, ऐसे परिवार स्वेच्छा से सरकारी लाभ छोड़ दें, ताकि जरूरतमंद परिवार को इसका लाभ मिल सके। इस पर अम्बाला निवासी अजय कुमार, जो पेशे से मैकेनिक हैं, ने कहा कि जिस दिन उसकी आय 1.80 लाख रुपये से अधिक हो जाएगी, उसी दिन वह स्वयं ही सरकार से मिलने वाले सारे लाभ छोड़ देगा।

एक अन्य लाभार्थी चरखी दादरी जिले के पिचोपा खुर्द गांव निवासी दलीप सिंह ने बताया कि उनका बीपीएल कार्ड तो बन गया, लेकिन आयुष्मान कार्ड नहीं बना है। इस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत चरखी दादरी के उपायुक्त को उसका आयुष्मान कार्ड बनाने के निर्देश दिए। इसी प्रकार, प्रेम नगर, हिसार निवासी भीम सिंह ने भी अपने बीपीएल कार्ड दोबारा बनने पर मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया।

श्री खट्टर ने कहा कि उनके पास शिकायतें आती थीं कि पात्र लोगों के राशन कार्ड नहीं बने हैं और अपात्र लोग कई प्रकार के लाभ लेते हैं। इसके लिए वर्तमान राज्य सरकार ने एक नया प्रयोग शुरू किया और प्रदेश के लगभग 72 लाख परिवारों का परिवार पहचान पत्र बनाया। कई टीमें लगाकर परिवारों का सर्वेक्षण कराया। इन सब प्रक्रियाओं के बाद परिवार पहचान पत्र के माध्यम से ऑटोमेटिक राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की और जनवरी माह में लगभग साढ़े 12 लाख नए राशन कार्ड बने हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने खाकी राशन कार्ड यानी ओपीएच श्रेणी को समाप्त कर इसे भी बीपीएल कार्ड की श्रेणी में जोड़ लिया। अब केवल पात्र लोगों को ही सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल रहा है।

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