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भारत की इंडोनेशिया को कृषि-निर्यात बढ़ाने की योजना

जकार्ता (इंडोनेशिया), 22 नवंबर  भारत ने इंडोनेशिया से मुख्य रूप से कोयला और पाम तेल के भारी आयात के कारण उसके साथ ऊंचे व्यापार-घाटे को पाटने के लिए आलू, प्याज, सेब और अंगूर और अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाने और निर्यात सूची में विविधता लाने की योजना बना रहा है। व्यापार घाटा निर्यात की तुलना में आयात के ऊंचा होने की स्थिति है।

यहां भारतीय दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारत-आसियान मीडिया आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत आसियान क्षेत्र की यात्रा पर आए भारतीय मीडियाकर्मियों के एक दल से बात करते हुए कहा कि ‘ इंडोनेशिया के साथ व्यापार घाटा इतना बड़ा नहीं है कि इसे संभालना मुश्किल होगा।’’

अधिकारी ने कहा “हम इंडोनेशिया से काफी मात्रा में कोयला और पाम तेल का आयात कर रहे हैं जिससे व्यापार घाटा ऊंचा है। इसे पाटने के लिए हम निर्यात के नए क्षेत्रों के जरिए विविधता लाने की कोशिश कर रहे हैं। हम कृषि उत्पादों के निर्यात में विविधता लाने की कोशिश कर रहे हैं। हम अपनी निर्यात की वस्तुओं में सेब, अंगूर, मिर्च, आलू और प्याज शामिल करना चाहते हैं।’’

अधिकारी ने कहा कि भारत और इंडोनेशिया ने 2025 तक पारस्परिक व्यापार के स्तर को सालाना 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। उसने कहा, “2018 में, हमारे प्रधान मंत्री (नरेंद्र मोदी) यहां आए थे और हमने इंडोनेशिया के साथ उस समय 30 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। हमने एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी समझौते पर भी हस्ताक्षर किए, जिससे हमारे द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार हुआ है।’

अधिकारी ने कहा, ‘ 2018 में हमारा आपसी व्यापार लगभग 20 अरब अमेरिकी डॉलर का था। हमारे प्रधानमंत्री ने इसे 2025 तक 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा।” उसने बताया कि उस के बाद से अब तक वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह लगभग 40 अरब डॉलर तक पहुंच गया है और यह प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा रखे गए लक्ष्य के करीब पहुंच चुका है। हम अपने प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के बहुत करीब हैं।

अधिकारी ने कहा, “ भारत इंडोनेशिया से मुख्यत: भारी मात्रा में कोयला और पाम तेल मंगवाता है। हम इंडोनेशिया को चीनी, चावल, भारी उपकरण, इंजीनियरिंग सामान, प्रौद्योगिकी आदि निर्यात करते हैं। इसलिए, इंडोनेशिया के साथ निर्यात की हमारी सूची पहले से ही काफी बड़ी है। ”

भारतीय मीडिया प्रतिनिधियों यहां आसियान और पूर्वी एशिया (ईआरआईए) के लिए आर्थिक अनुसंधान संस्थान के अध्यक्ष, तेत्सुया वतनबे से भी मुलाकात की। श्री वतनबे ने कहा कि एक नीतिगत अनुसंधान संस्थान के रूप में ईआरआईए भारत सरकार और वहां के नीति निर्माताओं के साथ सहयोग बढ़ाने का इच्छुक है। उन्होंने कहा, “भारत एक आर्थिक महाशक्ति है और इसने आर्थिक और उसने राजनीतिक रूप से अपना महत्व बढ़ाया है।” उन्होंने बताया कि भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत, ईआरआईए कई कार्य समूहों का हिस्सा था और विभिन्न मंत्रिस्तरीय बैठकों और शिखर सम्मेलनों में भाग लिया।

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