शिवराज ने बच्चों से साझा की आज़ादी की कुछ जानी-अंजानी कहानियां
इंदौर, 02 सितंबर : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज इंदौर के अभय प्रशाल में ‘तेरा वैभव अमर रहे माँ’ कार्यक्रम में अलग ही अन्दाज़ में नज़र आए। उन्होंने सांस्कृतिक एवं नैतिक प्रशिक्षण संस्थान इंदौर चेप्टर का शुभारंभ कर शालेय छात्र-छात्राओं के साथ खुला संवाद कर कुछ जानी अंजानी आजादी की कहानियां बच्चों को सुनायी।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान के साथ बच्चों की केमिस्ट्री यादगार बन गयी। अपने बीस मिनट के बच्चों से वार्तालाप के दौरान मुख्यमंत्री देश-भक्ति के रंगों में सभी को भिगोया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों को पर्यावरण की रक्षा, सबका सम्मान और विश्व-कल्याण का संकल्प भी दिलाया।
कार्यक्रम में श्री चौहान ने कहा कि वासुधैव कुटुंबकम सदैव ही भारत का ध्येय रहा है। हमारे देश ने इस भाव को अपने अंदर समाहित किया ‘सब सुखी रहें, सब निरोगी रहें और सब का कल्याण हो।’ उन्होंने कहा कि 5 हजार साल से पुराने हमारे देश का ज्ञात इतिहास रहा है। जब तथाकथित विकसित देशों में सभ्यता का सूर्य उदय भी नहीं हुआ था, तब भारत में वेदों की ऋचाएँ गढ़ ली गई थी। उन्होंने कहा कि देश-भक्ति के भाव के साथ देश एवं प्रदेश के विकास में अपना योगदान दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब परतंत्रता की बेड़ियों ने भारत को जकड़ा तब हमारे क्रांतिकारियों ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों को शहीद चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह एवं उधम सिंह द्वारा देश के लिए किए गए बलिदान और स्वतंत्रता की लड़ाई का वृतांत सुनाया। उन्होंने विद्यार्थियों को क्रांतिकारियों द्वारा आजादी के संकल्प के लिए दिए गए बलिदान की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव इन्हीं क्रांतिकारियों के स्मरण में मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने उपस्थित विद्यार्थियों का आह्वान किया कि आज हमें देश के लिए जीना है और देश-भक्ति के भाव के साथ अपने देश एवं प्रदेश के विकास और प्रगति में योगदान देना है।
उन्होंने कहा कि कर्मठ और ईमानदार नागरिक ही देश एवं प्रदेश का निर्माण करते हैं। आज की युवा पीढ़ी को ऐसा ही नागरिक बन कर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना है। श्री चौहान ने विद्यार्थियों को अपने माता-पिता, गुरू और बहन-बेटियों का सम्मान और इज्जत करने का भाव अपने अंदर विकसित करने का संकल्प लेने की बात कही।
श्री चौहान ने कहा कि विश्व के सभी जीव-जंतुओं में एक ही चेतना है। हमें सिर्फ मनुष्य ही नहीं बल्कि प्रकृति और यहां रहने वाले पशु-पक्षियों की भी रक्षा करनी है। उनके प्रति प्रेम का भाव उत्पन्न करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे रोज पौधे रोप कर अपने दिन की शुरुआत करते हैं। उन्होंने छात्रों को संकल्प दिलाया कि वे सभी अपने जन्म-दिन पर एक पौधा अवश्य लगाएँ और प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करें। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि विश्व-कल्याण के लिए जिए, पर्यावरण का संरक्षण करें और अगर जरूरत पड़े तो देश के लिए अपना सर्वस्व भी न्यौछावर कर दें।
मुख्यमंत्री ने संस्थान द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव पर प्रकाशित 75 महापुरूष की जीवन गाथा पर केन्द्रित पुस्तक का विमोचन किया। इस दौरान 75 स्कूली बच्चे क्रांतिकारी और महापुरूषों की वेशभूषा में मंच पर आये। मुख्यमंत्री सहित सभी नागरिकों ने इन बच्चों का अभिवादन किया। छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी गयी।
इस मौके पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार, विधायक महेंद्र हार्डिया, मालिनी गौड़, रमेश मेंदोला सहित अन्य जन-प्रतिनिधि, सांस्कृतिक एवं नैतिक प्रशिक्षण संस्थान इंदौर चेप्टर के चेयरमेन विनोद अग्रवाल एवं संयोजक सहित बड़ी संख्या में नागरिक एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहीं।