विद्युत संशोधन विधेयक 2022 वापस ले सरकार: राव
हैदराबाद 12 सितंबर: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने केन्द्र सरकार से विद्युत संशोधन विधेयक 2022 वापस लेने की अपील करते हुये सोमवार को कहा कि विधेयक को अमल में लाने से किसान और गरीब वर्ग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
विधानसभा सत्र के दूसरे दिन श्री राव ने सदन में ‘केन्द्रीय विद्युत विधेयक-असर’ पर एक छोटी बहस के दौरान कहा कि दुनिया में विकास की गति को बढ़ाने के लिये बिजली के एक उपकरण के तौर पर काम करती है।
उन्होंने कहा कि तेलंगाना प्रभावी उपायों के जरिये मात्र साढे पांच माह में बिजली की कमी को दूर करने में सफल हुआ है। अब राज्य की जनता को चौबीस घंटे बिजली मिल रही है। कृषि कार्य बिजली के कारण बाधित नहीं हो रहे है जबकि उद्योग समेत सभी सेक्टरों को भरपूर बिजली मिल रही है।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार केन्द्र में और टीआरएस सरकार राज्य में लगभग एक ही समय में आयी थी।
केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के अनुसार पिछले आठ वर्षो के दौरान तेलंगाना में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 1156 यूनिट बढ़ी है। वर्ष 2014 में यहां औसतन एक व्यक्ति साल में 970 यूनिट बिजली खर्च करता था जबकि 2022 में यह खपत बढ़ कर 2126 यूनिट सालाना पहुंच चुकी है।
इस अवधि में देश में प्रति व्यक्ति विद्युत खपत में 298 यूनिट का ही इजाफा हुआ है। वर्ष 2014 में देश में प्रति व्यक्ति औसतन विद्युत खपत 298 यूनिट थी जो अब बढ़कर 1255 यूनिट पहुंच गया है। इससे यह पता चलता है कि केन्द्र किस तरह से ऊर्जा क्षेत्र से निपट रहा है।
उन्होने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय विद्युत एजेंसी (आईइए) के मुताबिक ऊर्जा क्षेत्र में 140 देशो में भारत की रैंक 104 है।
देश में ऊर्जा क्षेत्र की विस्तृत चर्चा करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में बिजली की कुल उत्पादन क्षमता चार लाख 40 हजार 178 मेगावाट है जबकि बेस लोड यानी हमेशा उपलब्ध रहने वाली बिजली दो लाख 42 हजार 890 मेगावाट है। इस महीने देश में पीक लोड दो लाख 10 हजार 793 मेगावाट मापा गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र की राजग सरकार बेस लोड का भी पूरी तरह इस्तेमाल नहीं कर पा रही है जबकि वह देश का दुनिया का विश्व गुरू बनाने का दावा कर रहे हैं।